भोपाल। दिया तले अंधेरा..यह कहावत आज भरे मंच से सच साबित हुई। दरअसल, मामला राजधानी भोपाल के रविंद्र भवन में आयोजित गोवर्धन पूजन को लेकर आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला का है। जब मध्यप्रदेश के पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने ऐसी बात कही कि मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने न सिर्फ उन्हें बीच भाषण में टोका बल्कि खुले मंच से नसीहत भी दी।
पशुपालन मंत्री ने कही ये बात
दरअसल, पशुपालन मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि यदि सभी गौशालाओं में सोलर लग जाए और सरकार इसमें 25 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान दें तो बिजली के बिल की समस्या खत्म हो जाएगी। इसके अलावा पटेल कई और मांग करने वाले ही थे कि सीएम ने उन्हें टोका। लिहाजा मंत्री रुके और मंच पर लगी कुर्सी पर जा बैठे। इधर, सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने अपने संबोधन में साफ कहा कि पशुपालन विभाग को 590 करोड़ रुपये का बजट दिया है। लखन भैया किससे मांगोगे। इसकी व्यवस्था आपको ही करनी है। सीएम ने मंत्री को उनके कर्तव्य का पाठ पढ़ा।
कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस को बैठे बिठाए मिले मुद्दे को भुनाने की सियासत भी शुरू हो गई है। प्रदेश प्रवक्ता जितेंद्र मिश्रा ने आरोप लगाया कि सरकार ने मंत्रियों के तक हाथ बांध दिए हैं। लिहाजा सार्वजनिक मंच से मंत्रियों की पीढ़ा निकलकर सामने आ रही है। दिल्ली का रिमोट कंट्रोल मंत्रियों पर तक भारी पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के दिग्गज अजय विश्नोई भी समय-समय पर सरकार को आईना दिखाने का काम करते हैं। सरकार गौशालाओं के नाम पर राजनीति कर रही है, काम नहीं।
बीजेपी ने किया पलटवार
वहीं बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि मोहन सरकार ने गौवंश संरक्षण, सेवा और संवर्धन के लिए पूरा साल समर्पित किया है। दूध पर बोनस तो अनुदान से लेकर कई मील के पत्थर साबित होने वाले निर्णय सरकार ने लिए। मंत्री की मांग जागरूकता के साथ और बेहतरी के लिए ही जनता के बीच रखी।
अजय यादव ने कहा कि यही लोकतंत्र और सरकार की पारदर्शिता की तस्वीर है। कांग्रेस सिर्फ प्रदेश में नाकारा और निकम्मा विपक्ष साबित हो रहा है। दिग्विजय सिंह सरकार में गौमाता संरक्षण का विषय ही सामने नहीं था, चरनोई भूमि बेचने का काम दिग्विजय सरकार ने किया। कमलनाथ सरकार आइफा जैसे अवार्डों में अपना समय गवाते रहे। बीजेपी शासनकाल में सनातन परंपरा के साथ गौ संरक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है।