चुनाव आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड़ विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया। महाराष्ट्र में जहां एक चरण में वोटिंग होनी है तो वहीं झारखंड में दो चरणों में मतदान कराने का ऐलान किया गया है। दोनों राज्यों में 23 नवंबर को नतीजें आएंगे। चुनाव कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों द्वारा एग्जिट पोल और रुझानों को लेकर पूछे सवाल पर मुख्य चुनाय आयुक्त ने खुलकर अपनी बात रखी।
‘एग्जिट पोल को हम नियंत्रित नहीं करते’
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि एग्जिट पोल्स के विषय को हम छूना नहीं चाहते थे, लेकिन चूंकि आप लोग पूछ रहे हैं तो बता देते हैं। एग्जिट पोल्स के जरिए एक अपेक्षाएं तय हो जाती हैं। इससे बहुत बड़ा भटकाव आ जाता है। यह आत्मचिंतन और आत्ममंथन का विषय है। एग्जिट पोल्स पर हमारा नियंत्रण नहीं है, लेकिन यह चिंतन की जरूरत है कि इसके नमूने का आकार क्या था, सर्वेक्षण कहां हुआ, उसके निष्कर्ष कैसे आए। अगर निष्कर्ष चुनाव नतीजों से मेल नहीं खाते तो किसकी जिम्मेदारी है।
‘नियमन करने वाली संस्थाएं इस ओर देखेंगी’
राजीव कुमार ने कहा कि, अब समय आ गया है कि इसका नियमन करने वाली संस्थाएं इस ओर देखेंगी। इससे जुड़ा दूसरा विषय भी महत्वपूर्ण है। मतदान खत्म होने के औसतन तीसरे दिन मतगणना होती है। मतदान के दिन शाम से उम्मीदें लगना शुरू होती हैं। मतगणना के दिन 8:05, 8:10 बजे से रुझान दिखने लग जाते हैं, यह बेतुका है। मेरी पहली मतगणना 8:30 बजे से शुरू होती है। 8:05, 8:10 पर हमने देखा कि इस पार्टी को इतने की लीड। कहीं ऐसा तो नहीं कि एग्जिट पोल को सही साबित करने के लिए इस तरह के ट्रेंड दिखाई देने लग जाते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने आगे कहा कि, हम 9:30 मिनट पर हम पहले राउंड की काउंटिंग की जानकारी अपडेट करते हैं। वास्तविक रूप से जब नतीजे आना शुरू होते हैं तो ये रुझानों से बेमेल हो जाते हैं और चूंकि ये अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहते तो इसके गंभीर परिणाम होते हैं।