ये सुनकर अजीब लगेगा, मगर ये हकीकत है। देश को बर्बाद करने के लिए भारी मात्रा में भारत लाई गई कोकीन की सिर्फ 100 रुपये के नोट के नंबर से सप्लाई हो रही थी। जहां भी खेप पहुंचाई जाती, जहां से खेप चलती थी, जिसको दी जाती थी और जो लेने आता था उसे पहले 100 रुपये के नोट का उस पर प्रिंट नंबर बताना होता था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सूत्रों ने बताया कि इस बार कोकीन की सप्लाई के लिए भारतीय करेंसी के 100 रुपये के एक नोट के नंबर को कोड वर्ड रखा गया था। कोकीन से जुड़े हर आरोपी को इस नोट का नंबर बताना होता था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्पेशल सेल के अधिकारियों के अनुसार नोट का नंबर दिल्ली पुलिस को मिल गया है। पुलिस ने आरबीआई से पता करवाया है तो पता चला है कि ये 100 रुपये के नोट का नंबर है। मादक पदार्थ तस्कर बोलते थे नोट.. क्या है। इसके बाद अगला नोट का नंबर बताता था। दूसरी तरफ महिपालपुर कोकीन के आरोपी तुषार गोयल ने दिल्ली पुलिस को बताया है कि ये इंटरनेशनल ड्रग्स कॉर्टेल इससे पहले 100 किलो कोकीन मंगाकर भारत में खपत कर चुका है। दिल्ली पुलिस को इस खेप के बारे में पता नहीं चला था। ये खेप तुषार गोयल के यहां से आगे कहां गई है ये उसे भी पता नहीं है।
इन उत्पादों के पैकेटों में पैक की गई थी
100 किलो कोकीन- हल्दीराम के भुजिया पैकेज में पैक करके सप्लाई की गई थी। इस खेप का अभी तक पता नहीं लगा है। तुषार गोयल ने पूछताछ में इस खेप के भारत में सप्लाई होने का खुलासा किया है।
565 किलो कोकीन- महिपालपुर स्थित गोदाम से इन कट्टों में बरामद हुई थी। ये खाद के कट्टे थे।
208 किलो कोकीन- ये टेस्टी ट्रिट के पैकेटों में पैक थी। रमेश नगर स्थित गोदाम से बरामद की गई है।
10 किलो- पंजाब से पकड़े गए जस्सी के कब्जे से 10 किलो कोकीन पकड़ी गई थी। ये उसके पिट्ठू बैग में थी।
आलू के व्यापार करते हुए मिले
अखलाक हापुड़ का रहने वाला है और मोहम्मद सैफी चेन्नई का रहने वाला है। मोहम्मद सैफी आलू का ठोक विक्रेता है। आलू के व्यापार के दौरान ही उसकी अखलाक से मुलाकात हुई थी। रमेश नरग से बरामद खेप का मुख्य आरोपी सूत्रधार मो. सैफी है। उसी ने ही रमेश नगर में खेप पहुंचाई थी।
अखलाक गोदाम व गाड़ी का इंतजाम करता था
अखलाक मो. सैफी का खास है। वह मो. सैफी के लिए मादक पदार्थों को रखने के लिए गोदाम और मादक पदार्थो को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के लिए गाड़ियों का इंतजाम करता था। इसके एवज में मो. सैफी उसे पांच से 10 हजार रुपये देता था। गाजियाबाद व हापुड़ में गोदामों का इंतजाम इसी ने करवाया था। अखलाक सैफी का गुर्गा है।
सुनसान सी जगह पर है दोनों गोदाम
पुलिस अधिकारियों के अनुसार हापुड़ व गाजियाबाद में जिन गोदाम में कोकीन की खेप को रखा गया था वह सुनसान सी जगह पर हैं। ये इलाका भी कोई खास नहीं है। बताया जा रहा है कि रमेश नगर, दिल्ली से भी ये खेप महिपालपुर पहुंचाई जाती। महिपालपुर में अपने गोदाम में कोकीन को रखने व लेने आए लोगों को देने के लिए तुषार गोयल को तीन करोड़ देना तय हुआ था।
लंदन से आए जस्सी व सविंदर नहीं जानते थे
हालांकि महिपालपुर व रमेश नगर से बरामद कोकीन की खेप एक ही सरगना ने भारत भेजी है। भारत में आकर ये अलग-अलग रखी गई थी। कोकीन की ठीक व ईमानदारी से सप्लाई हो रही है इस पर नजर रखने के लिए गिरोह मास्टरमाइड ने लंदन से जितेंद्र गिल व उर्फ जस्सी और सविंदर को भेजा था। जस्सी को महिपालपुर वाली खेप पर और सविंदर को रमेश नंबर वाली खेप पर नजर रखनी थी। ये दोनों ही एक-दूसरे को नहीं जानते। भारत में आकर ही ये एक-दूसरे को जानने लगे थे। सविंदर सितंबर महीने में भारत आया था।
अखलाक ने एमपी में गाड़ी उपलब्ध करवाई थी
मध्यप्रदेश की सागर पुलिस ने मो. सैफी को मादक पदार्थों के साथ कुछ साल पहले पकड़ा था। उस समय भी उसे गाड़ी अखलाक ने उपलब्ध कराई थी। उस समय भी मादक पदार्थों को रखने के लिए जगह बताई थी।
अब तक सात आरोपी गिरफ्तार
महिपालपुर कोकीन खेप में
1. वसंत एंक्लेव निवासी तुषार गोयल
2. हिंद विहार प्रेम नगर, किराड़ी निवासी हिमांशु कुमार
3. छोटी रार, देवरिया यूपी निवासी औरंगजेब सिद्दीकी
4. पश्चिमी मुंबई निवासी भरत कुमार
5. जितेंद्र गिल उर्फ जस्सी (लंदन फरार होते हुए अमृतसर एयरपोर्ट से गिरफ्तार)
रमेश नगर कोकीन खेप में
1. चेन्नई निवासी मोहम्मद सैफी
2. हापुड़ यूपी निवासी अखलाक।