इंडियन प्रीमियर लीग 2025 की तैयारी पूरी है. मेगा ऑक्शन को लेकर तमाम खबरें आ रही हैं. चेन्नई सुपर किंग्स को 5 बार चैंपियन बनाने वाले एमएस धोनी इस सीजन भी धमाल मचाते दिख सकते हैं. माना जा रहा है कि सीएसके इस दिग्गज को हर हाल में रिटेन करेगी. भारत को 3 आईसीसी ट्रॉफी जिताने वाले इस क्रिकेटर का करियर शानदार रहा है. धोनी के दिल और दिमाग में जितना प्यार परिवार, फुटबॉल, क्रिकेट, बाइक्स, खेती-किसानी के लिए है उससे कहीं ज्यादा वो देश से प्रेम करते हैं.
महेंद्र सिंह धोनी का बचपन से ही सपना था कि वो सेना में जाकर देश की सेवा करेंगे, ये सपना क्रिकेटर बनने का पूरा भी हुआ. हम आपके लिए धोनी का एक ऐसा किस्सा लेकर आए हैं, जिसमें उन्होंने 15 हजार फीट की ऊंचाई से एक दो नहीं बल्कि पूरी 5 छलांग लगाई थीं. इस बारे में कम लोग ही जानते हैं.
दरअसल, साल 2011 में उनकी कप्तानी में भारत ने वनडे विश्व कप जीता था. इस उपलब्धि के लिए धोनी को टेरिटोरियल आर्मी ने ऑनररी लेफ्टिनेंट बनाया था. इसके बाद से ही धोनी आर्मी से जुड़े कार्यक्रम और ट्रेनिंग में हिस्सा लेते रहे हैं. जब माही को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया तो वो सेना की वर्दी में ही पहुंचे थे.
2011 में धोनी को मिली थी लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक
महेंद्र सिंह धोनी को इंडियन टेरिटोरियल आर्मी ने 2011 में लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद रैंक दी थी. टेरिटोरियल आर्मी के बाद 2014 में धोनी 106 इन्फेंट्री बटालियन TA पैरा का हिस्सा बने थे, यह भारतीय सेना की एलीट फोर्स है. जिसका हिस्सा बनने के बाद धोनी ने एक ऐसी ट्रेनिंग को पूरा किया जो उनके पहले कोई भी क्रिकेटर नहीं कर पाया था.
जब धोनी ने लगाई थीं 5 छलांगें
धोनी ने अगस्त 2015 में करीब 2 हफ्तों की कड़ी ट्रेनिंग की. फिर आगरा में 15 हजार फीट की ऊंचाई से ‘पैरा जंप’ को पूरा किया. उन्होंने 5 बार 15 हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई थी. उन्होंने 4 दफा दिन में जबकि एक बार रात में यह जंप पूरी की थी. जिसके बाद धोनी ने बाकी कई अन्य सैनिकों के साथ ‘विंग्स’ (वर्दी पर नीले पंख और पैराशूट का चिह्न) हासिल किए हैं.
बॉर्डर एरिया में जाकर पेट्रोलिंग ड्यूटी भी की
एमएस धोनी ने आर्मी ज्वाइन करने के बाद बॉर्डर एरिया में जाकर पेट्रोलिंग ड्यूटी भी पूरी की थी. जब साल 2019 में टीम इंडिया वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल हारी थी तो धोनी कुछ ही दिनों बाद अपनी स्पेशल फोर्स यूनिट से जुड़ गए थे. उन्होंने करीब 2 हफ्ते तक जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले में पाकिस्तानी बॉर्डर के पास की पोस्ट पर बिताए थे. यहीं उन्होंने पेट्रोलिंग भी की थी.