श्रावण भादो मास में भले ही विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए रात ढाई बजे जागते थे। लेकिन तीन सितंबर 2024 मंगलवार से महाकालेश्वर मंदिर में ऐसा बड़ा बदलाव होने वाला है, जिससे बाबा महाकाल रात 2:30 बजे की बजाय अब सुबह चार बजे जागेंगे। महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली भस्म आरती की प्रक्रिया वही रहेगी, लेकिन अब इसकी शुरुआत रात 2.30 या तीन बजे नहीं बल्कि सुबह चार बजे से होगी
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि भक्त तो भगवान के लिए तरह-तरह के कठिन उपवास व तप करते ही हैं। लेकिन श्रावण मास में बाबा महाकाल भी भक्तों को दर्शन देने के लिए डेढ़ घंटा पहले जाते हैं। पुजारी पंडित शर्मा ने बताया कि इस वर्ष सोमवार के दिन बाबा महाकाल के भस्म आरती रात 2:30 बजे से शुरू होती थी। जबकि सप्ताह के अन्य दिनों में यही भस्म आरती रात तीन बजे से शुरू होती थी। तीन सितंबर 2024 से बाबा महाकाल कि इस भस्म आरती के समय में बड़ा बदलाव होगा और अब प्रतिदिन बाबा महाकाल की भस्म आरती सुबह चार बजे से ही शुरू की जाएगी।
पहले शृंगार फिर बाबा महाकाल रहते हैं भस्म
बाबा महाकाल की भस्म आरती की शुरुआत प्रतिदिन चांदी द्वार के समीप स्थापित भगवान मानभद्र और वीरभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोलकर को जाती है, जिसके बाद सबसे पहले भगवान का स्नान, पंचामृत अभिषेक करवाने के साथ ही केसर युक्त जल अर्पित किया जाता है। इसके बाद बाबा महाकाल का भांग और मावे के साथ आभूषण पहनाकर शृंगार किया जाता है। बाबा महाकाल के शृंगार के बाद उन्हें महानिर्वाणी अखाड़े के द्वारा बाबा महाकाल को भस्म अर्पित की जाती है। कहा जाता है कि भस्म आरती में बाबा महाकाल निराकार से साकार स्वरूप में दर्शन देते हैं। भस्म आरती में शामिल होने वाले भक्त प्रतिदिन ही जय श्री महाकाल का उद्घोष करते हैं।