ढाका । बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ एक शिक्षक की मौत के संबंध में शुक्रवार को हत्या का एक और मुकदमा दर्ज किया गया। हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों में यह नया मामला है। हसीना और आवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर के खिलाफ हत्या का यह मुकदमा बोगुरा में दर्ज किया गया। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ विद्यार्थियों के व्यापक प्रदर्शन के बाद हसीना (76) को इस्तीफा देना पड़ा था और पांच अगस्त को वह भारत चली गयी थीं।
शिवगंज उपजिला के पलिकंडा गांव के रहने वाले 35 वर्षीय सलीम हुसैन की हत्या के संबंध में बोगुरा सदर थाने में दर्ज मुकदमे में आवामी लीग के 99 अन्य स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया है। हुसैन की चार अगस्त को हत्या कर दी गयी थी। चार अगस्त को जिस दिन हसीना इस्तीफा देकर बड़े पैमाने पर विद्रोह के कारण देश छोड़कर चली गयीं उस दिन हुसैन बोगुरा के सतमाथा इलाके में हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ था। शिकायत के मुताबिक, आवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया और हुसैन की धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी।
हुसैन के भाई ने आरोप लगाया कि आवामी लीग के लोगों ने हसीना और कादर से आदेश मिलने के बाद उसके भाई की हत्या कर दी। हसीना के पांच अगस्त को देश छोड़कर चले जाने के बाद उनके खिलाफ दर्ज यह नया मुकदमा है। हसीना और उनके मंत्रिमंडल के पूर्व मंत्रियों सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ वर्ष 2015 में एक वकील के अपहरण के सिलसिले में 14 अगस्त को मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं, पिछले महीने हिंसक झड़पों के दौरान एक किराना दुकान के मालिक की मौत के संबंध में हसीना और छह अन्य लोगों के खिलाफ 13 अगस्त को हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था।