इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार 26 अगस्त को मनाया जाएगा. कान्हा के जन्मोत्सव की तैयारियां कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं. इस दिन मंदिर और घर में रखे बाल गोपाल की विधिवत पूजा की जाती है. बाल गोपाल के जन्मोत्सव को लेकर भक्तों के मन में काफी उत्साह रहता है. भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. पुराणों और शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण विष्णु जी के अवतार हैं. विष्णु जी ने माता देवकी और वासुदेव जी के वंश में कान्हा के रूप में जन्म लिया था. जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. ऐसे में चारों तरफ भगवान कृष्ण की चर्चा होती है. आपने अक्सर देखा होगा कि लोग घर के मंदिर में कृष्ण के बाल स्वरूप को रखते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने घर के मंदिर में लड्डू गोपाल तो रखना चाहते हैं, लेकिन उन्हें लड्डू गोपाल की मूर्ति रखने के सही नियम और कायदे नहीं पता होते। जब भी आप अपने घर में बाल गोपाल की स्थापना करें तो आपको एक खास नियम का पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं वो नियम क्या हैं।
नियम से कराएं स्नान
बाल गोपाल की देखभाल एक बच्चे की तरह करनी चाहिए। जैसे आप रोज नहलाते हैं, वैसे ही आपको लड्डू गोपाल को भी नियमित रूप से नहलाना चाहिए। लेकिन नहलाते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। लड्डू गोपाल को नहलाने के लिए दूध, दही, शहद, गंगाजल, घी का इस्तेमाल करना चाहिए। शंख में दूध, दही, गंगाजल और घी डालकर स्नान कराना चाहिए।
तैयार करें
बाल गोपाल को नहलाकर शिशु की तरह कपड़े पहनाने चाहिए। उनके कपड़े नियमित रूप से बदलते रहने चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं कर सकते तो पुराने कपड़े धोकर उन्हें पहनाएं और फिर चंदन का तिलक लगाएं।
नियमित भोग लगाएं
लड्डू गोपाल या बाल गोपाल को नियमित रूप से दिन में 4 बार भोग लगाना चाहिए। भगवान श्री कृष्ण को सात्विक भोजन ही खिलाएं। रसोई में जो भी सात्विक भोजन बनाएं, उसका भोग लड्डू गोपाल को लगाएं। आप माखन-चीनी, बूंदी के लड्डू, खीर और हलवे का प्रसाद भी चढ़ा सकते हैं। आपको बता दें कि श्री कृष्ण को खीर बहुत पसंद है।
रोज आरती करें
नियमित रूप से बाल गोपाल की आरती करें। बाल गोपाल को बेल के फूल और केले बहुत प्रिय हैं। आरती करते समय आपको लड्डू गोपाल को ये चीजें जरूर चढ़ानी चाहिए। लड्डू गोपाल की दिन में चार बार आरती करना अनिवार्य है।
कभी न छोड़ें अकेला
घर में बाल गोपाल के शिशु रूप की स्थापना करना मतलब घर में एक छोटे बच्चे को रखना है। इसलिए आपको उसका ख्याल वैसे ही रखना है जैसे आप घर में छोटे बच्चे का रखते हैं। इसलिए बाल गोपाल को कभी भी घर में अकेला न छोड़ें। अगर आप कहीं लंबे समय के लिए जा रहे हैं तो उन्हें साथ लेकर जाएं और उनकी पूजा करें