मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश के बावजूद कुछ विभागों में 13 फीसदी होल्ड पदों पर नियुक्तियां दिए जाने को गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने दायर अवमानना याचिका की सुनवाई करते हुए एसीएस डॉ. राजेश राजौरा, मलय श्रीवास्तव सहित अन्य को नोटिस जारी किया है।
उत्तर प्रदेश सहारनपुर निवासी अनुभव सैनी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि कर्मचारी चयंन मंडल द्वारा एक अगस्त 2022 को विज्ञापन जारी कर ग्रुप-3 से जुड़े सब इंजीनियर के पदों पर भर्ती निकाली थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने चार अगस्त 2023 को एक अंतरिम आदेश जारी कर ओबीसी के 13 फीसदी पदों पर नियुक्ति होल्ड करने कहा था। आवेदक की ओर से कहा गया कि यह अंतरिम आदेश सभी विभागों पर लागू है। इसके बावजूद जून 2024 में जल संसाधन विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के 13 प्रतिशत होल्ड किए गए पदों पर नियुक्ति जारी कर दी गई, जो कि अवमानना की श्रेणी में आता है।
मामले में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉ. राजेश राजौरा, मलय श्रीवास्तव, पीएचई विभाग के सचिव जेपी नरहरि, जल संसाधन विभाग के इंजीनियर-इन-चीफ शिरीष मिश्रा, मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल के आयुक्त चंद्रमौली शुक्ला व अन्य को पक्षकार बनाया गया है। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने पक्ष रखा।