वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है. इस बिल को पेश करने की तारीख अभी तय नहीं की गई है. कुछ मुस्लिम मौलवियों की ओर से यह बेतुका बयान देकर खतरनाक नैरेटिव बनाया जा रहा है. ये मौलवी कह रहे हैं कि मुसलमानों की जमीन छीन ली जाएगी. वहीं, मुस्लिम महिलाएं और आम मुसलमान पूछ रहे हैं कि सरकार मौजूदा वक्फ अधिनियम में बदलाव क्यों नहीं कर रही है.
दरअसल, इससे पहले कहा जा रहा था कि बिल को अगले हफ्ते सदन में पेश किया जा सकता है लेकिन अब सरकार ने संकेत दिए हैं कि इसे पेश करने की तारीख तय नहीं की है. नए बदलावों में सरकार बिल के जरिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाएगी. केन्द्र सरकार मुस्लिम महिलाओं को समान अधिकार देने की पक्षधर है. हर बोर्ड और काउन्सिल में दो महिलाओं की सदस्यता होगी. आम मुसलमानों का कहना है कि पुराने एक्ट के तहत वक्फ संपत्ति को किसी भी कानून में चुनौती नहीं दी जा सकती. यहां तक कि सऊदी या ओमान में भी हमारे पास ऐसा कोई कानून नहीं है. एक बार जमीन वक्फ में चली गई तो आप इसे वापस नहीं ले सकते.
दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति भारत में
इसके साथ ही इन लोगों का ये भी कहना है कि ताकतवर मुसलमानों ने वक्फ बोर्ड पर कब्जा कर लिया है. मुस्लिम महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा पीड़ित हैं. अगर महिला तलाकशुदा है तो उसे और उसके बच्चों को कोई अधिकार नहीं मिलेगा. भारत में वक्फ संपत्ति दुनिया में सबसे बड़ी है और इससे 200 करोड़ रुपये का राजस्व भी नहीं मिल रहा है. यहां तक कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार या अदालतें भी इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती हैं.
वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वालों के अलावा अन्य लोग इस अधिनियम के खिलाफ हैं. सच्चर कमेटी ने भी कहा है कि वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता होनी चाहिए. वक्फ संपत्ति का इस्तेमाल केवल मुसलमान ही कर सकते हैं.
नए बिल में किए गए ये बदलाव
नए बिल में एक बात यह होगी कि केवल मुसलमान ही वक्फ संपत्ति बना सकते हैं. महिला सदस्य राज्यों में वक्फ बोर्ड का हिस्सा होंगी. जैसे कि अब महिलाएं वक्फ बोर्ड और परिषद की सदस्य नहीं हैं और जिन जगहों पर वक्फ बोर्ड नहीं है, वहां ट्रिब्यूनल में जा सकते हैं जो अभी नहीं है. सरकार लैंगिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है. नए बिल के अनुसार हर राज्य बोर्ड में दो महिलाएं और केंद्रीय परिषद में दो महिलाएं होंगी.