जिनेवा । संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने बुधवार को एक रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि सात अक्टूबर के हमलों के बाद इजराइल के अधिकारियों द्वारा हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को ‘वाटरबोर्डिंग’, अनिद्रा, करंट लगाए जाने समेत कई अन्य उत्पीड़न व दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। ‘वाटरबोर्डिंग’ एक तरह की यातना होती है, जिसमें किसी व्यक्ति के चेहरे को कपड़े से ढककर पानी डाला जाता है, जिससे व्यक्ति को डूबने जैसा एहसास होता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इजराइली कारागार विभाग ने जून के अंत तक 9,400 से अधिक लोगों को हिरासत में रखा, जिनमें से कुछ को खुफिया जगह पर रखा गया है, जहां उन्हें वकीलों से मिलने या कानूनी अधिकारियों के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी जा रही। पूर्व कैदियों और अन्य सूत्रों से बातचीत पर आधारित इस रिपोर्ट में हिरासत में लिए गए लोगों की “चौंका देने वाली” संख्या पर हैरानी जताई गई है, जिनमें पुरुष, महिलाएं, बच्चे, पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने एक बयान में कहा, “मेरे कार्यालय और अन्य संस्थाओं द्वारा एकत्र किए गए साक्ष्यों से कई भयावह कृत्यों का संकेत मिलता है, जैसे कैदियों को पानी डालकर प्रताड़ित करना, उन पर कुत्ते छोड़ना आदि। यह अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का घोर हनन है।” सात अक्टूबर को हमास के दक्षिण इजराइल पर अचानक हमले करने के बाद गाजा में युद्ध शुरू हुआ था। हमास के हमलों में लगभग 1,200 लोग मारे गए थे जबकि 250 से अधिक को बंधक बना लिया गया था।