ताइपे । ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने विदेशी सांसदों के ‘‘अब तक के सबसे बड़े’’ प्रतिनिधिमंडल का यहां स्वागत किया और मंगलवार को कहा कि यह लोकतंत्रों के एकजुट होने के महत्व को दर्शाता है जबकि चीन ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों पर यह यात्रा न करने का दबाव डाला था। लाई ने कहा, ‘‘यह ताइवान को अन्य देशों के समर्थन और महत्व को दर्शाता है। यह दुनिया भर के लोकतांत्रिक देशों को एक महत्वपूर्ण संदेश भी देता है। लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए एकजुटता की आवश्यकता है और हमें मिलकर लोकतंत्र की रक्षा करनी चाहिए।’’
उन्होंने ताइपे में चीन पर अंतर-संसदीय गठबंधन द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में यह टिप्पणी की। यह गठबंधन जो 35 देशों के सैकड़ों सांसदों का एक समूह है। यह समूह इस बात को लेकर चिंतित है कि लोकतांत्रिक देश बीजिंग के प्रति कैसा रुख रखते हैं। चीन, ताइवान को अपना हिस्सा बताता है और उसने जरूरत पड़ने पर सैन्य शक्ति के जरिये इस पर अधिपत्य करने की धमकी दी है। लाई ने सम्मेलन में भाग ले रहे नेताओं से कहा, ‘‘चीन का किसी भी देश के लिए ख़तरा पूरी दुनिया के लिए ख़तरा है। चीन मामलों को लगातार उलझाने और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को कमजोर करने के लिए राजनयिक अपहरण, आर्थिक दबाव, साइबर हमलों और झूठी सूचना व नकली चीजों का प्रसार करने का सहारा लेता है।