छत्तीसगढ़ के कोरबा के SECL कुसमुंडा खदान में तेज बहाव में बहे अस्सिटेंट मैनेजर माइनिंग जितेंद्र नागरकर का शव रात बरामद कर लिया गया है. 16 घंटे बाद रविवार की सुबह शव को बरामद किया गया. रात भर SECL की आपदा रेस्क्यू टीम और बिलासपुर से आई एसडीआरएफ की टीम संयुक्त रूप से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया.
निरीक्षण के लिए अधिकारी जितेंद्र टीम के साथ कुसमुंडा खदान पहुंचे थे
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कोरबा में बारिश की वजह से कुसमुंडा खदान के गोदावरी पैच में पानी भरने लगा था. जिसके निरीक्षण के लिए शनिवार की शाम 4.30 बजे क्वारी नंबर 3 के शिफ्ट इंचार्ज जितेंद्र नागरकर पांच लोगों की टीम के साथ कुसमुंडा खदान पहुंचे थे और सभी पानी के कटाव से बह गई सड़क की मुआयना कर रहे थे. ये अधिकारी सड़क और पानी जाने वाले ढलान के मुहाने पर खड़े होकर पानी के बहाव को देख रहे थे. इसी दौरान पानी और मिट्टी का मलबा तेज बहाव के साथ आया और 5 लोगों को अपने चपेट में ले लिया.
निरीक्षण करने गए 5 अधिकारी बहे थे
हालांकि 4 कर्मी बड़े पत्थरों के सहारे खुद को बचा लिया, जबकि अधिकारी नागरकर पानी के मलबे के तेज बहाव में बह गए.
जानकारी के मुताबिक, इस हादसे की सूचना डायरेक्टर जनरल माइंस एंड सेफ्टी को दी जा चुकी है. जो हादसे की जांच की जाएगी.