मध्य प्रदेश के कई सारे जिलों में इन दिनों भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बने हुए है. इसको लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नागरिकों से अनुरोध किया कि अधिक वर्षा की स्थिति में उत्पन्न होने वाले कष्टों से बचने के लिए अपने स्तर पर भी सजग रहें. विशेष रूप से बच्चों का ध्यान रखना आवश्यक है. बच्चे अधिक जल स्तर और बहाव क्षेत्र की तरफ न जाएं. इसके साथ ही आकाशीय बिजली से भी सावधान रहना आवश्यक है. बारिश से बचने के लिए पेड़ की शरण न ली जाए, क्योंकि आकाशीय बिजली पेड़ों पर अधिक गिरती है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश अब तक औसत से चार प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है. बरगी बांध के गेट खुलने से जल स्तर बढ़ेगा. सभी संबंधित जिलों को अलर्ट जारी कर दिया गया है.
इन जिलों में भारी बारिश का अनुमान
एमपी में मानसून बहुत सक्रिय है. 26 जुलाई तक 400 मि.मी. वर्षा हो चुकी है, जो औसत से चार प्रतिशत अधिक है. अगले चार दिन में जहां पूरे प्रदेश में हल्की वर्षा का पूर्वानुमान बताया गया है, वहीं तीन संभागों में अधिक वर्षा की संभावना व्यक्त की गई है. भोपाल, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के कुछ जिलों में भारी वर्षा का पूर्वानुमान है. इनमें भोपाल, विदिशा, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, नर्मदापुरम, जबलपुर, कटनी, बालाघाट, सिवनी और छिंदवाड़ा इनमें शामिल हैं. इसके अलावा, सागर संभाग में पन्ना और छतरपुर, रीवा संभाग में सतना जिले में भारी वर्षा का अनुमान व्यक्त किया गया है.
जिलों को सतर्क रहने के निर्देश
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि बरगी बांध जलाशय 53 प्रतिशत तक भर चुका है. इसका जल स्तर अभी 416 मीटर है, जो अगले दो दिन में दो मीटर बढ़ सकता है. ऐसी स्थिति में बरगी डेम के गेट खोले जाएंगे. डाउन स्ट्रीम के जिलों, जैसे जबलपुर, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, हरदा, खंडवा और खरगोन को इस संबंध में अलर्ट जारी किया गया है. इन जिलों में ग्रामों के निवासियों को सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं. प्रशासन को आवश्यक सावधानी बरतने और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है.
अन्य बांधों का जलस्तर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश के अधिकांश सिंचाई बांध 50 प्रतिशत के आसपास भर चुके हैं. इनमें गांधी सागर 56 प्रतिशत, इंदिरा सागर 23 प्रतिशत, ओंकोरश्वर 44 प्रतिशत और राजघाट 30 प्रतिशत भरे हुए हैं. उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में वर्षा हो रही है. यह कृषि के लिए जरूरी भी है. ज्यादा बारिश से कटनी और सागर जिलों में कुछ स्थानों पर निचली बस्तियों में पानी भर गया था. इन स्थानों पर राहत शिविर संचालित किए गए. इसी तरह रतलाम और श्योपुर जिले में कल काफी वर्षा हुई.
नुकसान पर राहत राशि का प्रावधान
सीएम यादव ने बताया कि प्रदेश में इस मानसून में हुई वर्षा से फसलों को कहीं क्षति होने का समाचार नहीं है. जनहानि और पशुहानि के कुछ मामले जरूर सामने आए हैं, जिनमें प्रावधान के अनुसार आर्थिक सहायता देने के निर्देश जिलों को दिए गए हैं. करीब 150 मकानों की क्षति की सूचना भी मिली है. ऐसे मामलों में भी सहायता दी जा रही है. इसके लिए जिलों में पर्याप्त बजट उपलब्ध करवाया गया है.