अयोध्या मामले पर सुप्रीम फैसले के लिए बची हैं ये अन्य तारीखें

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13 से 16 नवंबर के बीच आ सकता है फैसला ओर 9 से 12 नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट रहेगा बंद
अयोध्या में भूमि विवाद पर फैसले की तारीख नजदीक आ चुकी है. सुनवाई पूरी होने के बाद इस समय सभी पक्षों के वकीलों के दावों और सबूतों की जांच के साथ ही फैसला लिखा जा रहा है.

किन तारीखों पर ज्यादा है फैसला आने की संभावना?

इन तारीखों में से 13 नवंबर या फिर 14 नवंबर को बाल दिवस पर फैसला आने की जताई जा रही है. कोर्ट के कैलेंडर पर गौर करें तो कार्यदिवसों में सात और आठ नवंबर हैं. नौ, दस, ग्यारह और बारह नवंबर को छुट्टियां हैं. फिर कार्तिक पूर्णिमा के बाद कोर्ट 13, 14 और 15 नवंबर को ही खुलेगा. 16 नवंबर को शनिवार और 17 को रविवार है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रविवार को रिटायर हो जाएंगे. 18 नवंबर को जस्टिस शरद अरविंद बोबडे नये चीफ जस्टिस की शपथ लेंगे. सात नवंबर का दिन तो गुजर गया तो अब चार दिन बचते हैं  13, 14 और 15 नवंबर.

वैसे कोर्ट चाहे तो 16 नवंबर को शनिवार के दिन भी फैसला सुना सकता है. उस दिन सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी होगी. न वकीलों का जमावड़ा होगा, न ही मुवक्किलों का. सुरक्षा-व्यवस्था भी बनाए रखना भी आसान होगा. देश भर में साप्ताहिक अवकाश होने से लोग घरों पर ही रहेंगे. इस मामले से जुड़े कई अहम सूत्रों का मानना है कि आठ नवंबर को फैसला आने की संभावना काफी कमजोर है. अभी सुप्रीम कोर्ट के सुरक्षा विभाग यानी दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक अब तक सर्वोच्च अदालत सुरक्षा घेरा बढ़ाने और सख्त करने का कोई आदेश या संदेश नहीं आया है.

अदालती दांवपेंच की अब तक की कहानी…

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर 40 दिनों तक चली मैराथन सुनवाई बुधवार को पूरी हो गई और ऐसा माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट अपना फ़ैसला नवंबर में सुनाएगा क्योंकि मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं.

यह ऐतिहासिक फ़ैसला होगा. राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील राम मंदिर और बाबरी मस्जिद की ज़मीन के मालिकाना हक़ पर विवाद है.

आख़िरी सुनवाई के एक दिन पहले जस्टिस गोगोई ने कहा था कि बुधवार की शाम पाँच बजे तक सुनवाई पूरी हो जाएगी लेकिन बुधवार को एक घंटे पहले ही सुनवाई पूरी करने की घोषणा कर दी गई.

साथ ही अदालत ने ये भी कहा कि अगर दलीलें बाक़ी हों तो संबंधित पक्ष तीन दिन के भीतर लिखित रूप में दे सकते हैं.

आगे जो भी फैसला हो , उम्मीद करते है इस फैसले से किसी भी जाति धर्म और देश जो कि एक जुट है उन्हें ठेस नही पहुचेगी साथ ही ये भी उमीद करते है  कि अयोध्या  फैसले के बाद शांति बनी रहे।

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