छत्तीसगढ़ के कबीरधाम में बीते 7 दिनों में 5 बैगा आदिवासियों की मौत हो गई है. दावा है कि पहाड़ों में रहने वाली बैगा जनजाति की बस्तियों में डायरिया फैला हुआ है. हालांकि इस पूरे मामले में कबीरधाम जिले के कलेक्टर जन्मेजय महोबे ने साफ किया है कि इन पांच ग्रामीणों की मौत अलग-अलग कारणों से और अलग-अलग जगह में हुई है. कलेक्टर ने बताया कि बोड़ला एसडीएम और सीएमएचओ को घर-घर पहुंच कर सर्वें करने के निर्देश पहले ही दिए गए थे. इस बीच शनिवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सोनवाही गांव पहुंचे और पीड़ित और मृतक के परिवारों से मुलाकात की. इस दौरान भूपेश बघेल ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पर कई आरोप लगाए और मृतकों के परिवारों को 4-4 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की मांग की.
भूपेश बघेल कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लॉक के विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा बाहुल्य क्षेत्र ग्राम सोनवाही पहुंचे, यहां उन्होंने 10 जुलाई को दो लोगों की कथित तौर पर डायरिया से मौत होने पर मृतक के परिजनों से बातचीत की. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री को परिजनों ने बताया कि 10 जुलाई को उल्टी व दस्त के चलते अचानक रात्रि 12 बजे तबीयत खराब हुई और दो बजे मौत हो गई.
भूपेश बघेल ने ग्राम झलमला स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का जायजा भी लिया . उन्होंने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मौताें के लिए उसे ही जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग में सुविधाओं का जायजा लेते हुए कहा कि मरीजों का इलाज भी नहीं हो पा रहा है. डॉक्टरों की कमी के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी लचर हो चुकी है. उन्होंने गांव में पीड़ित परिजनों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी जाने वाली सहायता पर भी सवाल उठाए.
बघेल ने कहा कि जिन घरों में लोगों की मृत्यु हुई, उनको केवल एक-एक मच्छरदानी दी गई है, जबकि उनके घर में पांच सदस्य हैं. इन लोगों को सरकार की ओर से कोई मुआवजा भी नहीं दिया जा रहा है. अस्पताल में पर्याप्त दवाएं और स्टाफ होना चाहिए. उनका दावा है कि अभी तक करीब 25 लोग मलेरिया संक्रमित पाए गए हैं. लगातार उल्टी-दस्त की शिकायत मिल रही है. इससे लोगों में आक्रोश है. इस दौरान भूपेश बघेल ने कई परिवारों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना.