पंचांग के अनुसार 15 जुलाई 2024 को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का अंतिम दिन है. आषाढ़ शुक्ल नवमी को भड़ली नवमी कहा जाता है. इसे भडल्या नवमी के नाम से भी जानते हैं. इस तिथि को अबूझ मुहूर्त कहा जाता है, जिसमें आप बिना मुहूर्त देखे हर तरह के शुभ मांगलिक कार्य कर सकते हैं.
भड़ली नवमी तिथि
भड़ली नवमी गुप्त नवरात्रि के आखिरी दिन सोमवार 15 जुलाई को मनाई जाएगी. नवमी तिथि 14 जुलाई शाम 5 बजकर 26 मिनट से शुरू हो जाएगी और 15 जुलाई शाम 7 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में भड़ली नवमी 15 जुलाई 2024 को मान्य होगी. इसी दिन गुप्त नवरात्रि का नवमी पूजन किया जाएगा और 2 दिन बाद यानी 17 जुलाई 2024 देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा. देवशयनी एकादशी से पहले भड़ली नवमी पर भगवान विष्णु की पूजा करने का महत्व है.
भड़ली नवमी पर बनने वाले शुभ योग
इस वर्ष भड़ली नवमी की तिथि बहुत खास होने वाली है. क्योंकि इस दिन बनने वाले योग इस तिथि के महत्व को और अधिक बढ़ा रहे हैं. बता दें कि भड़ली नवमी पर रवि योग , सिद्ध योग, करण योग और शिववास योग रहेगा. साथ ही इस दिन स्वाति नक्षत्र रहेगा.
भड़ली नवमी पर कौन से काम कर सकते हैं?
भड़ली नवमी स्वयंसिद्ध तिथि है और इस दिन अबूझ मुहूर्त रहता है. इसलिए आप बिना ज्योतिषी या पुरोहित से शुभ-मुहूर्त आदि दिखाए विवाह से लेकर गृह प्रवेश, मुंडन, कर्ण छेदन, भूमि पूजन आदि जैसे कई काम सकते हैं. इतना ही नहीं मान्यता है कि इस तिथि किए गए काम शुभ फलदायी भी होते हैं. इसलिए इस तिथि को अक्षय तृतीया की तरह शुभ माना जाता है. यही कारण है कि हिंदू धर्म में भड़ली नवमी का महत्व और अधिक बढ़ जाता है.