गुरु बिन जहां में कहीं नहीं मिलता है ज्ञान, चाहे कैसी हो दुविधा गुरु करते हैं समाधान. धर्म ग्रंथों में गुरु का विशेष महत्व बताया गया है, ये भी कहा गया है कि गुरु भगवान से अधिक पूजनीय होते हैं. गुरु के महत्व को बताने के लिए हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने आध्यत्मिक, धार्मिक व अन्य गुरुओं की पूजा करते हैं. इस बार ये पर्व जुलाई 2024 में मनाया जाएगा.
कब है गुरु पूर्णिमा 2024?
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास की पूर्णिमा 20 जुलाई, शनिवार की शाम 05 बजकर 59 मिनिट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 21 जुलाई, रविवार की दोपहर 03 बजकर 47 मिनिट तक रहेगी. चूंकि पूर्णिमा तिथि का सूर्योदय 21 जुलाई को होगा, इसलिए इसी दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन सर्वार्थसिद्धि नाम का शुभ योग भी दिन भर रहेगा.
गुरु पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त
सुबह 07:36 से 09:15 तक
सुबह 09:15 से 10:54 तक
सुबह 10:54 से दोपहर 12:33 तक
दोपहर 03:12 से 03:51 तक
इस विधि से करें गुरु की पूजा
21 जुलाई, रविवार यानी गुरु पूर्णिमा पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद हाथ में जल, चावल और फूल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें.
इसके बाद भगवान विष्णु, देवगुरु बृहस्पति और महर्षि वेदव्यास की पूजा विधि-विधान से करें. शुद्ध घी का दीपक जलाएं, फूल आदि चढ़ाएं.
विष्णु को वस्त्र अर्पित करें. अपनी इच्छा भोग लगाएं. अंत में आरती करें और गुरु ग्रह के मंत्रों का जाप करें. इससे आपको शुभ फल मिलेंगे.
अगर आपका कोई धार्मिक या आध्यात्मिक गुरु है तो उनके पास जाकर उनका आशीर्वाद लें. वस्त्र, मिठाई, फल, आदि चीजें दक्षिणा के रूप में दें.
गुरुदेव की आरती भी जरूर करें. गुरु पूर्णिमा पर जो अपने गुरु की पूजा करता है उसे हर काम में सफलता मिलती है और परेशानी दूर होती हैं.