नई दिल्ली, जुलाई से सितंबर की तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी से कम हो सकती हैपूरे वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी बढ़त दर घटकर 6 फीसदी से नीचे आ सकती हैभारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है
जुलाई से सितंबर की तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में बढ़त की दर 5 फीसदी से भी नीचे आ सकती है. यही नहीं, पूरे वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान जीडीपी बढ़त दर घटकर 6 फीसदी से नीचे आ सकती है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की एक रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है.
इसके पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा था कि इस वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी हो सकती है. गौरतलब है कि अप्रैल से जून की तिमाही में भारत की जीडीपी में बढ़त 5.8 फीसदी हुई थी. खपत में कमी, कमजोर निवेश और कई सेक्टर के खराब प्रदर्शन की वजह से जीडीपी ग्रोथ की रफ्तार और सुस्त पड़ी है. इसके पहले वित्त वर्ष 2012-13 की जनवरी से मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी से नीचे 4.3 फीसदी तक थी.
एसबीआई इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है, ‘वित्त वर्ष 20 की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में ग्रोथ ने रफ्तार पकड़ने के बारे में हमें अब कम उम्मीद है. सितंबर में कुल 26 संकेतकों में से सिर्फ 5 संकेतकों में बढ़त देखी जा रही है. इससे यह संकेत मिलता है कि अभी भी इकोनॉमी में मांग में महत्वपूर्ण कमी बनी हुई है और इसे सुधरने में समय लग सकता है. प्रमुख संकेतकों को देखने से अब ऐसा लग रहा है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी से कम होगी.’
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