हाथरस में साकार विश्व हरि सत्संग में हुई भगदड़ में 121 लोगों की मौत और सैकड़ों लोगों के घायल होने की घटना के बाद पुलिस भोले बाबा उर्फ सूरजपाल उर्फ एसपी सिंह उर्फ साकार विश्व हरि की कुंडली खंगाल रही है। प्राथमिक पड़ताल में सामने आया कि सिपाही से ‘चमत्कारी बाबा’ बनने वाले सूरजपाल सहित 7 लोगों पर 18 मार्च 2000 को थाना शाहगंज में केस दर्ज हुआ था। गिरफ्तारी भी की गई थी।
श्मशान घाट में 24 साल पहले एक किशोरी को मलका चबूतरा में जिंदा करने की कोशिश की गई थी। पुलिस के पहुंचने पर बवाल हुआ था। पुलिस ने बल प्रयोग कर कथित बाबा के कई अनुयायियों को हिरासत में लिया था। पहले चार्जशीट लगाई थी। बाद में फाइनल रिपोर्ट लग गई।
मूलरूप से बहादुर नगर, पटियाली एटा निवासी सूरजपाल खुफिया विभाग (एसपीआर कार्यालय) में सिपाही थे। विभाग से जुड़े पूर्व कर्मचारी ने बताया कि सूरजपाल साथ में काम करते थे। 1990 के दशक की बात है। तब उनका आना-जाना अर्जुन नगर, शाहगंज में आयोजित होने वाले एक सत्संग से हो गया। तब से ही उन्होंने नौकरी से नाता तोड़ दिया। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। इसके बाद खुद सत्संग शुरू कर दिया। उनसे बड़ी संख्या में लोगों की आस्था जुड़ गई। उनके आने पर पहले अनुयायी आते थे। सत्संग में भीड़ जुटती थी।
17 वर्षीय स्नेहलता एसपी सिंह के साले मेवाराम की बेटी थी। बाबा उस समय केदार नगर स्थित मकान संख्या डी-55 में रहते थे। एसपी सिंह खुद नि:संतान थे। उन्होंने साले की बेटी को गोद लिया था। 16 मार्च 2000 को स्नेहलता की फतेहगढ़ में कैंसर से मृत्यु हो गई। उसी दिन शव को केदार नगर लेकर आए थे। बाबा के मकान पर किशोरी को जीवित करने का प्रयास किया जा रहा था।
पुलिस ने लाठियां चलाकर शव लिया था कब्जे में
पुलिस को जानकारी मिली थी कि एक किशोरी को चमत्कार से जीवित करने का दावा किया जा रहा है। इसके लिए बड़ी संख्या में भीड़ जुटी हुई है। इसकी जानकारी पर 18 मार्च 2000 को पुलिस पहुंची थी। पुलिस के पहुंचने पर बाबा के अनुयायी भड़क गए। उन्होंने पथराव कर दिया। पुलिसकर्मियों को चोट लगी। पुलिस ने लाठियां चलाने के बाद भोले बाबा उर्फ सूरजपाल को गिरफ्तार कर लिया था।