मध्य प्रदेश के बालाघाट में अपने कार्यक्रम के दौरान सूबे के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने करीब 32 हजार 161 किसानों का 41 करोड़ रुपये का ऋण माफ करने की घोषणा की. मप्र के कृषि विभाग के अधिकृत सोशल मीडिया हैंडल से इसकी जानकारी पूरे प्रदेश के किसानों के साथ-साथ बुरहानपुर के किसानों तक भी पहुंची. अब बुरहानपुर जिले के किसान खासकर केला उत्पादक किसान भी डॉ. सीएम मोहन यादव से ऋण माफी करने की मांग कर रहे हैं.
“सरकार ने नुकसानी का पर्याप्त मुआवजा दिया”
जिला कांग्रेस कमेटी ने भी किसानों की मांग का समर्थन करते हुए बुरहानपुर सहित पूरे प्रदेश के किसानों का ऋण माफ करने की मांग की है. बीजेपी के सांसद ज्ञानेश्वर पाटील का इस बारे में कहना है कि बालाघाट के किसानों की क्या परिस्थिति रही. जिसके चलते मुख्यमंत्री ने उनका ऋण माफ किया है. सवाल बुरहानपुर के केला उत्पादक किसानों का तो बीजेपी सरकार ने किसानों की प्राकृतिक आपदा में नुकसानी का पर्याप्त मुआवजा दिया है.
“आपदा पर पर्याप्त राशि का मुआवजा दिया”
जब इस बारे में खंडवा बुरहानपुर क्षेत्र के बीजेपी के सांसद ज्ञानेश्वर पाटील से बात की दी गई तो उन्होने कहा बालाघाट में सीएम डॉ. मोहन यादव ने किसानों की जो कर्ज माफी का ऐलान किया है. वह बालाघाट जिले के किसानों की परिस्थिति को देखते हुए किया होगा. लेकिन बुरहानपुर जिले में खासकर केला किसानों को बीजेपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्राकृतिक आपदा पर पर्याप्त राशि का मुआवजा दिया है.
कर्ज माफी की मांग का कांग्रेस ने किया समर्थन
सीएम डॉ. मोहन यादव की बालाघाट में किसानों की कर्ज माफी की घोषणा और बीजेपी सांसद ज्ञानेश्वर पाटील के बुरहानपुर जिले में किसानों की कर्ज माफी की मांग को अप्रत्यक्ष रूप से नकारने पर सियासत शुरू हो गई है. वहीं,केला उत्पादक किसानों की कर्ज माफी की मांग का कांग्रेस पार्टी ने समर्थन किया है.
“मिलने वाला मुआवजा किसानों के लिए नाकाफी”
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रिंकू टांक ने कहा बुरहानपुर जिले के केला उत्पादक किसान पांच साल से प्राकृतिक आपदा से करोड़ों रुपये की फसल की नुकसानी झेल रहे हैं. फसल बीमा योजना नहीं होने से शासन से मिलने वाला मुआवजा किसानों के लिए नाकाफी है. उन्होने कहा ना केवल बुरहानपुर का बल्कि पूरे मप्र के किसानों का सरकार ने कर्ज माफ करना चाहिए.