भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) मध्य प्रदेश के धार जिले में 13वीं शताब्दी का स्मारक कहे जाने वाले भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ पूरा कर लिया है. आज एएसआई सर्वेक्षण का 99वां और अंतिम दिन है. 98 दिनों तक चली सर्वेक्षण में कुछ ऐसे ठोस सबूत मिले हैं, जिसको लेकर हिंदू पक्ष के दावों मजबूत करते हैं.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 11 मार्च को भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद की वैज्ञानिक सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और बाद में 29 अप्रैल को 8 हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया था, जो गुरुवार यानी आज समाप्त हो जाएगा.
गौरतलब है पिछले 98 दिनों तक भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद परिसर में स्थल की खुदाई करने वाली एएसआई को अपनी रिपोर्ट 2 जुलाई को उच्च न्यायालय को सौंपनी है, क्योंकि मामले में अगली सुनवाई के लिए 4 जुलाई की तारीख तय की गई है. अब एएसआई सर्वेक्षण के अंतिम रिपोर्ट पर सबकी निगाहें हैं कि कोर्ट को सौंपी गई उसकी रिपोर्ट में क्या होगा?
एएसआई परिसर के सर्वेक्षण के लिए सर्वेक्षण कर सकता है और समय की मांग?
एएसआई को इस विशेष परिसर पर दो समुदायों के विवादास्पद दावों की जांच के लिए कुछ ठोस सबूत मिले हैं या वह सर्वेक्षण के लिए और समय की मांग करेगा? यह 4 जुलाई को स्पष्ट हो जाएगा. हालांकि, 29 अप्रैल को पिछली सुनवाई में एमपी हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने कहा था कि वह इसके लिए और समय नहीं देगी.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने दिया है एएसआई को 2 जुलाई तक सर्वे रिपोर्ट सौंपने का निर्देश
एएसआई को 27 जून तक अपना सर्वेक्षण पूरा करने और 2 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. सांस्कृतिक मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी (अतिरिक्त महानिदेशक-ASI),जिनकी देखरेख में एएसआई टीम ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ कर रही है, उन्होंने इस संदर्भ में कोई भी बयान देने से मना कर दिया, क्योंकि मामला उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है.
हिंदू पक्ष का दावा, एएसआई को सर्वेक्षण में भगवान शिव और ‘वासुकी नाग’ के अवशेष मिले
हालांकि, भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा, जो हिंदुओं के प्रतिनिधि के रूप में सर्वेक्षण के दौरान मौजूद रहे ने प्रेस से बात करते हुए दावा किया कि एएसआई को भगवान शिव और ‘वासुकी नाग’ (सात फन वाला सांप) की पौराणिक मूर्तियों सहित कई पुरातात्विक अवशेष मिले हैं.
मार्च में ASI ने भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद परिसर का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ शुरू किया
विशेष रूप से एएसआई ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के एक निर्देश के बाद इस साल मार्च में भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद परिसर का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ शुरू किया है, इसमें विवादित स्थल के ‘असली चरित्र, प्रकृति और स्वरूप’ का पता लगाने की मांग की गई थी.
एएसआई सर्वेक्षण के दौरान परिसर में 1,700 से अधिक कलाकृतियां उजागर हुई हैं
सर्वेक्षण के दौरान, 1,700 से अधिक कलाकृतियां उजागर हुई हैं, जिनमें कई मूर्तियां, संरचनाएं, स्तंभ, दीवारें और भित्ति चित्र शामिल हैं. एएसआई ने परिसर की खुदाई के दौरान पाए गए पत्थरों, खंभों का ‘कार्बन डेटिंग’ सर्वेक्षण भी किया. संपूर्ण सर्वेक्षण प्रक्रिया उच्च न्यायालय के निर्देश का पालन करते हुए और दोनों (हिंदी-मुस्लिम) पक्षों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में की गई.
एएसआई के संरक्षण में है विवादित परिसर, हिंदुओं को वाग्देवी की पूजा की है अनुमति
वर्तमान में, विवादास्पद परिसर एएसआई के संरक्षण में है और हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार को परिसर में वाग्देवी (सरस्वती) मंदिर में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुसलमानों को प्रत्येक शुक्रवार को परिसर के एक तरफ स्थित मस्जिद में नमाज अदा करने की अनुमति है.