मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भी लोकसभा अध्यक्ष भाजपा का ही होगा। सर्वसम्मति से लोकसभा अध्यक्ष तय करने की मांग करने वाली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने भी मंगलवार को भाजपा के उम्मीदवार को समर्थन देने पर हामी भर दी है।
टीडीपी के इतर राजग के सभी सहयोगी दल पहले ही भाजपा की ओर से तय उम्मीदवार को समर्थन देने पर हामी भर चुके हैं। भाजपा अब इस पद के लिए अपनी ओर से तय नाम के संबंध में सहयोगी दलों को सूचित करेगी। गौरतलब है कि अध्यक्ष पद के लिए राजग के साथ विपक्ष के बीच सर्वसम्मति बनाने की जिम्मेदारी भाजपा ने रक्षा मंत्री राजनाथ को सौंपी थी। सहयोगी दलों की राय जानने के बाद मंगलवार को राजनाथ के आवास पर इस संबंध में अहम बैठक हुई। पार्टी सूत्रों का दावा है कि अध्यक्ष पद के लिए सभी सहयोगी दलों ने भाजपा को समर्थन देने का भरोसा दिया है। भाजपा ने उपाध्यक्ष पद सहयोगी दलों को देने का फैसला किया है। यह पद किसे मिलेगा, इस पर एक-दो दिन में निर्णय हो जाएगा। हालांकि, संभावना है कि उपाध्यक्ष का पद टीडीपी को मिलेगा।
टीडीपी के रुख से विपक्ष को झटका
विपक्ष को उम्मीद थी कि अध्यक्ष पद के लिए सरकार की सबसे बड़ी सहयोगी टीडीपी दावा करेगी। विपक्ष चाहता था कि अध्यक्ष पद के चुनाव मामले में सत्तारूढ़ राजग में मतभेद के स्वर सामने आए। इसी रणनीति के तहत विपक्ष ने कहा था कि अगर टीडीपी इस पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करती है तो उसे समर्थन देने पर विचार किया जाएगा। हालांकि इस पद के लिए राजग में बनी सहमति के बाद विपक्ष की रणनीति को झटका लगा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सारी परिस्थितियों राजग के पक्ष में होने के बावजूद विपक्ष अपना उम्मीदवार खड़ा करता है या नहीं।
राजनाथ सिंह अब विपक्ष से करेंगे बात
अध्यक्ष पद के लिए चुनाव 26 जून को संभावित है। राजनाथ ने इस पद के लिए राजग में आम सहमति बना ली है। यह तय हुआ है कि उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के बदले सरकार के सहयोगी दल को दिया जाएगा। राजनाथ अब विपक्षी दलों को पार्टी और गठबंधन के फैसले से अवगत कराने के बाद उनका समर्थन मांगेंगे। भाजपा को उम्मीद है कि अब तक की परंपराओं के अनुसार विपक्ष अध्यक्ष पद के मामले में उनका समर्थन करेगा।