बेंगलुरू की अदालत ने मंगलवार को यौन शोषण और बलात्कार के आरोपी निलंबित जेडीएस नेता प्रज्वल रेवन्ना की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी। प्रतिनिधियों के लिए 42वें अतिरिक्त मुख्य महानगर दंडाधिकारी (एसीएमएम) की विशेष अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ाने का फैसला सुनाया।
गौरतलब है कि हसन जिले के होलेनरसिपुरा में उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में उन्हें 28 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। उन पर 47 वर्षीय पूर्व नौकरानी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप था। रेवन्ना को आरोपी नंबर दो के रूप में सूचीबद्ध किया गया है, जबकि उनके पिता और विधायक एच डी रेवन्ना मुख्य आरोपी हैं। जब मामला प्रकाश में आया, तब तक रेवन्ना देश छोड़ चुके थे और बाद में भारत आने के बाद 31 मई को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हसन में चुनाव होने के एक दिन बाद 27 अप्रैल को वे जर्मनी चले गए थे।
न्यायिक हिरासत में तीसरी बार विस्तार
गिरफ्तारी के बाद अदालत ने उन्हें 6 जून तक एसआईटी हिरासत में भेज दिया था, जिसे बाद में 10 जून तक बढ़ा दिया गया था। सोशल मीडिया पर रेवन्ना के अश्लील वीडियो के वायरल होने के बाद उन्हें यौन शोषण के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। 10 जून को अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, लेकिन आज एसआईटी ने साइबर अपराध के एक मामले में उनके खिलाफ बॉडी वारंट मांगा। बाद में 14 जून को उनकी हिरासत 18 जून तक बढ़ा दी गई।
भवानी रेवन्ना को अग्रिम जमानत मिली
इससे पहले दिन में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना को अग्रिम जमानत दे दी। मैसूर के केआर नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज अपहरण के एक मामले में उनके और उनके पति एचडी रेवन्ना के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। अदालत ने इस शर्त के साथ अग्रिम जमानत दी कि वह पुलिस जांच के अलावा किसी भी परिस्थिति में मैसूर और हसन नहीं जाएंगी।
न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि भवानी ने जांच के दौरान पहले ही 85 सवालों के जवाब दे दिए हैं, जिससे यह दावा करना अनुचित है कि वह एसआईटी के साथ सहयोग नहीं कर रही है, जो प्रज्वल के खिलाफ यौन शोषण के मामलों की जांच कर रही है। इससे पहले उसे 7 जून को अग्रिम जमानत दी गई थी, हालांकि इसे 14 जून को बढ़ा दिया गया था।