प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार में पहले ही दिन बिहार को जोर का झटका लगा है। रविवार की रात शपथ ग्रहण के बाद सोमवार को कैबिनेट की बैठक हुई और शाम में मंत्रालयों की घोषणा। उम्मीद से उलट बिहार को रेल मंत्रालय नहीं दिया गया। इसके अलावा, सत्ता के किंग मेकर बताए जा रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड को बहुत अहम विभाग नहीं मिला है। इस हिसाब से जीतन राम मांझी और चिराग पासवान का वजन पहली नजर में ज्यादा दिख रहा है। कैबिनेट में गिरिराज सिंह पहले की तरह ही अच्छी स्थिति में दिख रहे हैं।
बिहार के चार कैबिनेट मंत्रियों का मंत्रालय देखें
रविवार को मोदी के साथ 71 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें 30 कैबिनेट मंत्री, पांच स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 36 राज्य मंत्री हैं। सोमवार की शाम इन सभी के मंत्रालयों की जानकारी सार्वजनिक की गई। पहली बार सांसद बने हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय दिया गया है। कैबिनेट मंत्रियों में जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को पंचायती राज मंत्रालय के साथ मत्स्यपालन पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय दिया गया है। भाजपा के बेगूसराय सांसद गिरिराज सिंह को कपड़ा मंत्रालय दिया गया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और हाजीपुर सांसद चिराग पासवान को खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय दिया गया है।
राज्यमंत्री में नित्यानंद का मंत्रालय नहीं बदला, बाकी तीनों नए
जदयू कोटे से राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर को कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय का राज्यमंत्री बनाया गया है। गृह मंत्री अमित शाह के साथ रहे उजियारपुर के भाजपा सांसद नित्यानंद राय की जिम्मेदारी नहीं बदली गई है। उन्हें फिर से गृह राज्यमंत्री बनाया गया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे को कोयला और खनन मंत्रालयों का राज्यमंत्री बनाया गया है। मुजफ्फरपुर से पहली बार सांसद बने भाजपा के राजभूषण चौधरी को जल शक्ति राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है।