समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता और पार्टी के संस्थापक रहे मुलायम सिंह यादव का रिकॉर्ड तोड़ दिया. साल 2017 से अभी तक के हर चुनाव में बुरी तरह हार रहे अखिलेश यादव को मौजूदा लोकसभा चुनाव ने संजीवनी दे दी है. पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव आखिरी बार साल 2012 में कोई बड़ा चुनाव जीते थे.
उसके बाद साल साल 2014 के लोकसभा चुनाव साल 2017 के विधानसभा चुनाव, साल 2019 के लोकसभा चुनाव और साल 2022 में सपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. हालांकि साल 2024 के आम चुनाव में सपा के प्रदर्शन से पार्टी उत्साहित है. अपने स्थापना के बाद से अभी तक सपा ने लोकसभा में सबसे ज्यादा 36 सीटें, साल 2004 में हासिल की थी. वहीं साल 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश की अगुवाई में सपा ने 37 सीटें हासिल की हैं.
कब कितनी सीटों पर लड़ा चुनाव?
लोकसभा में सपा के इतिहास की बात करें तो साल 1996 में 16, साल 1998 में 19, साल 1999 में 26, साल 2004 में 37, साल 2009 में 23, साल 2014 में पांच, साल 2019 में भी पांच सीटें हासिल की थीं.
समाजवादी पार्टी ने साल 2004 में सबसे ज्यादा 600 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इसके बाद साल 1998 के चुनाव में सपा 166 सीटों पर लड़ी थी. साल 2019 का ऐसा चुनाव था जिसमें सपा सिर्फ 49 सीटों पर इलेक्शन लड़ी थी.
इस मामले में पीछे रह गए अखिलेश!
हालांकि अखिलेश एक मामले में अपने पिता का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाए और वह है वोट प्रतिशत का. सपा संरक्षक रहे मुलायम सिंह की अगुवाई में सपा ने साल 1998 में सबसे ज्यादा 4.9 फीसदी मत हासिल किए थे. इस चुनाव में 37 सीटें हासिल कर के भी सपा सिर्फ 4.58 फीसदी वोट पा सकी. सपा ने सबसे कम वोट शेयर साल 2019 में हासिल किया था जब उसे सिर्फ 2.6 फीसदी मत मिले थे.