भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)ने बुधवार (29 मई, 2024) को बताया कि मानसून समय से पहले दस्तक दे सकता है. आईएमडी ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून पूर्वानुमान से एक दिन पहले गुरुवार (30 अप्रैल, 2024) को केरल तट और पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में दस्तक देने की संभावना है.
पहले मौसम विभाग ने केरल में 31 मई तक मानसून के दस्तक देने का संभावना जताई थी. वहीं अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में मानसून के आगमन की सामान्य तारीख पांच जून है. ऐसे में चर्चा हो रही है कि मानसून के समय से पहले दस्तक देने का आखिर कारण क्या है? इसका जवाब मौसम वैज्ञानिकों ने दिया है.
मानसून समय से पहले आने का कारण क्या है?
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने मौसम वैज्ञानिकों के हवाले से बताया कि मानसून के जल्दी आने का एक कारण चक्रवाती तूफान रेमल हो सकता है. मौसम वैज्ञानिकों ने कहा, ”पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश से गुजरे चक्रवात रेमल ने मानसून के प्रवाह को बंगाल की खाड़ी की ओर खींच लिया. ये पूर्वोत्तर में मानसून के जल्दी आने की एक वजह हो सकता है.”
वैसे चक्रवाती तूफान रेमल का असर पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में ही सबसे ज्यादा हुआ है.
पूर्वोत्तर राज्य में लोगों की गई जान
चक्रवाती तूफान रेमल के कारण पूर्वोत्तर के राज्य में भारी बारिश और भूस्खलन आया है. इस कारण 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग लापता हैं. इसके अलावा कई घर भी ढह गए हैं.
मिजोरम के आइजोल जिले में विभिन्न स्थानों पर हुए भूस्खलन और बारिश के बाद 4 और शव बरामद होने के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 29 हो गई. वहीं असम में 4, नगालैंड में 4 और मेघालय में 2 लोगों की जान गई.