दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए पंजाब-हरियाणा को दोष देना ठीक नहीं : जावड़ेकर

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नई दिल्ली । पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आलोचना करते हुए कहा कि दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण हवा की गुणवत्ता  खराब हो रही है। इसके लिए पंजाब और हरियाणा पर दोष नहीं दिया जाना चाहिए। यह राजनीति का मुद्दा नही है।
जावड़ेकर ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में विभागीय कामकाज के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआत करते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री प्रदूषण के विषय पर राजनीति कर रहे हैं। वह आरोप प्रत्यारोप में लगे हैं। दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब और हरियाणा को दोष देना ठीक नहीं है। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल ने दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंचने के लिए पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने को मुख्य वजह बताई है। केजरीवाल ने दिल्ली के बच्चों से पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर पराली जलाने पर रोक लगाने की अपील की है ताकि दिल्ली को दूषित हवा की चपेट से बाहर निकाला जा सके।
जावड़ेकर ने केजरीवाल के इस आरोप को गलत बताते हुए कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए पड़ोसी राज्यों को दोषी ठहरा रहे हैं। जावड़ेकर ने दलील दी कि दिल्ली में वाहन जनित वायु प्रदूषण हवा की गुणवत्ता को बिगाड़ने की प्रमुख वजह है। इस पर नियंत्रण के लिए मोदी सरकार ने ‘पेरीफेरल एक्सप्रेस वे’ का निर्माणकार्य पांच साल में पूरा कराया जिसके कारण दिल्ली से होकर दूसरे राज्यों को जाने वाले वाहनों की संख्या में प्रतिदिन लगभग 60 हजार की कमी आई है। 
उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री प्रदूषण के विषय पर केवल राजनीति कर रहे हैं। मैं इस स्तर पर बात नहीं करना चाहता हूं। लेकिन यह जरूर बताना चाहूंगा कि आखिर ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे के लिए 3500 करोड़ रुपए राज्य सरकार को देने थे। वह उन्होंने दिए नहीं। आखिर में अदालत ने दिल्ली सरकार को आदेश दिया कि वह इस काम के लिए एक हजार करोड़ रूपए दे। ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस वे की वजह से दिल्ली का वाहन जनित प्रदूषण सीधे तौर पर कम होने वाला था।
जावड़ेकर ने पंजाब और हरियाणा को प्रदूषण के लिए दोष देने के बजाय प्रदूषण के खिलाफ पांचों प्रभावित राज्यों के संयुक्त प्रयास तेज करने की मोदी सरकार की नीति का पालन सुनिश्चित करने की अपील की। प्रदूषण कैसे कम हो,  इसकी चिंता करने के बजाय आपस में दोषारोपण करने लगेंगे तो कच्ची चिट्ठियां बहुत मिल जाएगी, लेकिन जनता को प्रदूषण से राहत देना हम सभी का सामूहिक दायित्व है। इस दायित्व की पूर्ति नहीं हो पाएगी। 
जावड़ेकर ने इस काम में जनता, सरकारों, उद्योगों और किसानों सहित सभी पक्षकारों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सामूहिक प्रयास ही कारगर साबित होंगे। शुक्रवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 468 के स्तर पर पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक इस साल जनवरी के बाद से गुरुवार की रात पहली बार दिल्ली में एक्यूआई ‘बेहद गंभीर’ और ‘आपात’ श्रेणी में पहुंच गया। मंत्रालय में परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की शुरुआत को,  पर्यावरण के लिहाज से सकारात्मक पहल बताते हुए जावड़ेकर ने कहा कि वह स्वयं ई वाहन का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा दिल्ली जैसे शहरों में सर्दी के दिनों में प्रदूषण का मुद्दा हावी हो जाता है। ऐसे शहरों में वाहन जनित प्रदूषण से बचने के लिये ई वाहन ही कारगर उपाय है। इसके लिए सरकार सरकारी महकमों में इन वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है। 

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