वैशाख पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान आज है या कल? यह सवाल लोगों के मन में इसलिए भी आ रहा है क्योंकि वैशाख पूर्णिमा की तिथि आज 22 मई की शाम से लग जा रही है और कल 23 मई की शाम तक रहेगी. वैशाख पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान एक ही दिन है.
वैशाख पूर्णिमा कल 23 मई को है. वैशाख पूर्णिमा की तिथि 22 मई को 06:47 pm से 23 मई को 07:22 pm तक है. पूर्णिमा की उदयातिथि और पूर्णिमा का चंद्रोदय दोनों ही 23 मई को प्राप्त हो रहे हैं. ऐसे में वैशाख पूर्णिमा का स्नान-दान और व्रत कल ही होगा.
वैशाख पूर्णिमा पूजा विधि
हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन स्नान, दान, पूजा और व्रत का महत्व है. इसी के साथ पूर्णिमा के दिन को सत्यनारायण कथा के लिए उत्तम माना जाता है. पूर्णिमा के दिन घर पर सत्यनारायण पूजा का अनुष्ठान कराने पर भगवान सत्यनारायण का आशीर्वाद बना रहता है और घर पर सुख-समृद्धि बनी रहती है. गुरुवार को वैशाख पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. वैसे तो पूर्णिमा तिथि पर नदी स्नान का महत्व है. लेकिन नदी स्नान संभव न हो तो आप घर पर ही नहाने के पानी में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें. इसके बाद सतनारायण भगवान की पूजा करें.
वैशाख पूर्णिमा पर बने 4 शुभ संयोग
इस साल की वैशाख पूर्णिमा पर 4 शुभ संयोग बन रहे हैं.1. सर्वार्थ सिद्धि योग – 09:15 एएम से 24 मई को 05:26 एएम तक. यह सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए अच्छा योग माना जाता है.2. शिव योग – 12:12 पीएम से 24 मई को 11:22 एएम तक.3. विशाखा नक्षत्र – प्रात:काल से 09:15 ए एम तक, उसके बाद से अनुराधा नक्षत्र. विशाखा नक्षत्र के स्वामी बृहस्पति हैं.4. वैशाख पूर्णिमा पर गुरुवार का दिन, भगवान विष्णु की पूजा के लिए उत्तम है और पूर्णिमा पर माता लक्ष्मी की भी पूजा करते हैं.