उत्तराखंड की एक अदालत ने गुणवत्ता परीक्षण में पतंजलि की सोन पापड़ी के फेल होने से जुड़े मामले में कंपनी के सहायक महाप्रबंधक समेत तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुनाई है. यह सजा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत दी गयी है.
इन तीन लोगों में अभिषेक कुमार, सहायक महाप्रबंधक, पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क, लक्सर, अजय जोशी, सहायक प्रबंधक, कान्हाजी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड, रामनगर और दुकानदार लीलाधर पाठक शामिल हैं. पिथौरागढ़ के मुख्य मजिस्ट्रेट संजय सिंह ने यह सजा सुनाई है.
17 सितंबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी पिथौरागढ़ ने बेरीनाग बाजार की एक दुकान से पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी का सैंपल लिया. वे रुद्रपुर की एक लैब में गुणवत्ता परीक्षण में फेल हो गए थे. इसके बाद इन तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया.
पतंजलि दवाओं के लाइसेंस पर लगी रोक हटाई गई
दो दिन पहले उत्तराखंड सरकार ने अपने उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया था. शुक्रवार (17 मई) को राज्य सरकार ने इस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी.
उच्च स्तरीय समिति द्वारा प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश किये जाने के बाद सरकार ने अपना आदेश रोक दिया है. उत्तराखंड सरकार के आयुष मंत्रालय के सचिव पंकज कुमार पांडे ने एक आदेश में यह जानकारी दी है.
विनिर्माण लाइसेंस 30 अप्रैल को निलंबित कर दिया गया था
30 अप्रैल को उत्तराखंड सरकार ने बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को निलंबित कर दिया था. उत्तराखंड सरकार की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने भी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया था. इसमें कहा गया था कि पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों के बारे में बार-बार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के कारण कंपनी का लाइसेंस रोक दिया गया है.