काठमांडू। भारतीय क्षेत्रों के मानचित्र के साथ नेपाली सौ रुपए के नए नोट को जारी करने के सरकार के फैसले पर विवादास्पद टिप्पणी करना नेपाल के राष्ट्रपति के आर्थिक सलाहकार को भारी पड़ गया. दबाव बीच नेपाली राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल के आर्थिक सलाहकार चिरंजीवी नेपाल ने इस्तीफा दे दिया, जिसे रविवार को राष्ट्रपति ने मंजूर कर लिया.
देश के केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर चिरंजीवी नेपाल ने नोटों पर नया नक्शा छापने के सरकार के फैसले को कथित तौर पर ‘अनुचित कदम’ बताया था.
पिछले हफ्ते कैबिनेट की बैठक में 100 रुपये के नए नोट छापते समय पुराने नक्शे के स्थान पर नया नोट छापने का फैसला किया गया. नए नक्शे में कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा जैसे इलाके शामिल हैं. भारत का कहना है कि लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा उसके हैं. सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष और पूर्व प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली ने चिरंजीवी नेपाल की उनकी टिप्पणियों के लिए सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी.
राष्ट्रपति के एक सहयोगी ने नाम न छापने की शर्त पर न्यूज एजेंसी को बताया, “मैंने जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए इस गंभीर मुद्दे को उठाया है, क्योंकि इससे लोगों को व्यावहारिक समस्याएं हो सकती हैं.” चिरंजीवी नेपाल ने कहा, “मैंने माननीय राष्ट्रपति की गरिमा बनाए रखने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि मेरे बयान का हवाला देकर राष्ट्रपति को अनावश्यक रूप से विवाद में खींचने की कोशिश की गई थी.”
इससे पहले, नागरिक समाज के नेताओं के एक समूह ने संशोधित संविधान के अनुसार नेपाल के नक्शे के साथ सौ रुपये के नए नोट छापने के सरकार के फैसले के खिलाफ चिरंजीवी नेपाल की टिप्पणी पर उन्हें हटाने की मांग की थी. उन्होंने तर्क दिया कि इस मामले पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया से बात करते समय वह राष्ट्रीय हित के खिलाफ गए और मर्यादा का उल्लंघन किया.
नेपाल सरकार ने ओली के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान मई 2020 में अपने क्षेत्र में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा क्षेत्रों को शामिल करने के साथ अपने नए राजनीतिक मानचित्र का अनावरण किया. बाद में संसद ने सर्वसम्मति से इसका समर्थन किया. इसके बाद सरकार ने भारत की आपत्ति के बावजूद सभी आधिकारिक दस्तावेजों में इस्तेमाल किए गए पुराने नक्शे को नए नक्शे से बदल दिया है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने उस समय कहा था, “दावों का यह कृत्रिम विस्तार ऐतिहासिक तथ्य या साक्ष्य पर आधारित नहीं है और मान्य नहीं है. यह लंबित सीमा मुद्दों पर बातचीत करने की हमारी वर्तमान समझ का भी उल्लंघन है.” भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले हफ्ते नेपाल सरकार के नए नोट जारी करने के फैसले पर असंतोष व्यक्त किया था. जयशंकर ने कहा कि इससे ज़मीनी हालात बदलने वाले नहीं हैं.
नेपाल पांच भारतीय राज्यों – सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा साझा करता है