मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra Assembly Elections 2019) में बीजेपी और शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर तकरार तेज हो गई है. इस कड़ी में आज दोनों ही दल के नेताओं ने अलग-अलग राज्यपाल से मुलाकात की. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल से मुलाकात की. उससे पहले शिवसेना नेता दिवाकर राउते ने गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की. हालांकि शिवसेना नेता ने सफाई देते हुए कहा कि राजनीतिक कारणों से गवर्नर से नहीं मिले. राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा नहीं हुई. दरअसल महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन 50-50 फॉर्मूले के फेर में फंस गया है. उद्धव ठाकरे ने लिखित में सरकार के लिए ढाई-ढाई साल मांगे हैं.
शिवसेना ने दो टूक कहा है कि ढाई साल दे दो सरकार’ वरना विकल्प तैयार है. वहीं, फड़णवीस ने कहा है कि बीजेपी के नेतृत्व में 5 साल के लिए सरकार बनाएंगे. शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि बीजेपी 105 विधायकों को लेकर अकेले सरकार बना सकती है तो उसे हमारी शुभकामनाएं. राउत ने कहा कि हम भी देखेंगे बीजेपी इतने विधायकों को लेकर कैसे सरकार बनाती है.
शिवसेना महाराष्ट्र में 2018 का कर्नाटक फॉर्मूला अपना रही है. इस फार्मूले के तहत बीजेपी से कम सीटें पाने के बावजूद बीजेपी मुख्यमंत्री पद पर दावेदारी कर रही है. 2018 में कर्नाटक में जब चुनाव हुआ था तब कांग्रेस की तुलना में जेडीएस की कम सीटें होने के बावजूद राजनीतिक मजबूरी के चलते कांग्रेस ने जीडीएस नेता कुमारस्वामी को सीएम बनाया था.
सूत्रों की मानें तो शिवसेना उसी पैटर्न को अपना रही है. शिवसेना बखूबी जानती है कि बीजेपी की सीट कम हैं और बिना शिवसेना के बीजेपी का सरकार बनाना मुश्किल है और ऐसे में वह मोलभाव करके ढाई साल के लिए अपना सीएम बनाना चाहती है. साथ ही गृह, वित्त और दूसरे प्रमुख मंत्रालय बीजेपी से मांग रही है.
वहीं बीजेपी की तरफ से सीएम देवेद्र फड़णवीस ने साफ किया है कि बीजेपी के नेतृत्व मे ही नई सरकार का गठन होगा. यानी बीजेपी एक बार फिर महाराष्ट्र में बड़े भाई की भूमिका निभाएगी, ये साफ संकेत दे दिया है.