- एजीआर यानी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू, इसे तय करने के लिए कोर्ट ने दूरसंचार विभाग की दलील मानी
- टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर के आधार पर सरकार को लाइसेंस, स्पेक्ट्रम फीस देनी होती है
- सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर- वोडाफोन-आइडिया का शेयर 23% नुकसान के साथ बंद
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को टेलीकॉम कंपनियों से एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के विवाद से संबंधित 92000 करोड़ रुपए वसूलने की इजाजत दे दी। कंपनियों को जुर्माना और ब्याज भी चुकाना पड़ेगा। अदालत ने गुरुवार को फैसला देते हुए दूरसंचार विभाग द्वारा तय एजीआर की परिभाषा को बरकरार रखा। अदालत ने टेलीकॉम कंपनियों की अपील खारिज कर दी। साथ ही कहा कि इस मामले में अब और मुकदमेबाजी नहीं होगी। बकाया भुगतान की गणना के लिए समय अवधि तय की जाएगी। कंपनियां टेलीकॉम डिस्प्यूट्स सेटलमेंट एंड अपीलेट ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची थीं। ट्रिब्यूनल ने कहा था कि किराए, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ और डिविडेंड जैसे नॉन टेलीकॉम रेवेन्यू भी एजीआर में गिने जाएंगे।
एजीआर विवाद क्या है?
टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर का 3% स्पेक्ट्रम फीस और 8% लाइसेंस फीस के तौर पर सरकार को देना होता है। कंपनियां एडीआर की गणना टेलीकॉम ट्रिब्यूनल के 2015 के फैसले के आधार पर करती हैं। ट्रिब्यूनल ने उस वक्त कहा था कि किराए, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ, डिविडेंड और ब्याज जैसे नॉन कोर स्त्रोतों से प्राप्त रेवेन्यू को छोड़ बाकी प्राप्तियां एजीआर में शामिल होंगी। विदेशी मुद्रा विनिमय (फॉरेक्स) एडजस्टमेंट को भी एजीआर में माना गया। हालांकि फंसे हुए कर्ज, विदेशी मुद्रा में उतार-चढ़ाव और कबाड़ की बिक्री को एजीआर की गणना से अलग रखा गया। दूरसंचार विभाग किराए, स्थायी संपत्ति की बिक्री से लाभ और कबाड़ की बिक्री से प्राप्त रकम को भी एजीआर में मानता है। इसी आधार पर वह टेलीकॉम कंपनियों से बकाया फीस की मांग कर रहा था।
किस कंपनी पर कितनीलाइसेंस फीस बकाया?
कंपनी | बकाया (रुपए) |
भारती एयरटेल | 21,682.13 करोड़ |
वोडाफोन | 19,823.71 करोड़ |
रिलायंस कम्युनिकेशंस | 16,456.47 करोड़ |
बीएसएनएल | 2,098.72 करोड़ |
एमटीएनएल | 2,537.48 करोड़ |
दूरसंचार विभाग ने जुलाई में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर टेलीकॉम कंपनियों पर बकाया लाइसेंस फीस की जानकारी दी थी। कुल 92,641.61 करोड़ रुपए का बकाया बताया गया था।
फैसले का असर
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद टेलीकॉम कंपनियों के शेयर 23% तक लुढ़क गए। वोडाफोन-आइडिया काशेयर इतनेनुकसान में रहा। भारती एयरटेल का शेयर इंट्रा-डे में 6% गिर गया। हालांकि, क्लोजिंग 3% बढ़त के साथ हुई।