जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश समेत पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदल गया है। शनिवार को पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों में मूसलाधार बारिश और बर्फबारी हुई। कई क्षेत्रों में आंधी-तूफान से स्थिति और खराब हो गई। कुछ जगहों पर बिजली गिरने की भी खबर है। हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ। मौसम विभाग ने हिमाचल समेत 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 15 तक ऐसे ही मौसम रहने की चेतावनी दी है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने बताया कि मौसम में यह बदलाव ईरान के ऊपर बने पश्चिम विक्षोभ के क्षेत्र के कारण आया है। अरब सागर से नम पश्चिमी हवाएं भी चल रही हैं। इससे जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बर्फबारी और बारिश हुई। पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान, मप्र में भी कहीं हल्की तो कहीं मूसलाधार बारिश हुई, ओले गिरे और तेज हवाएं चलीं। छत्तीसगढ़, बंगाल के उप हिमालयी क्षेत्रों, सिक्किम, असम, मेघालय व दक्षिण भारत के कुछ भागों में भी गरज के साथ बारिश हुई और तेज हवाएं चलीं। उधर, मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में बिजली गिरने से दो बच्चों की मौत हो गई और तीन घायल हो गए।
हरियाणा में भीगा अनाज
बारिश के चलते हरियाणा के चरखी दादरी और भिवानी में की अनाज मंडियों में खुले आसमान के तले पड़ी गेहूं और सरसों की ढेरियां व बैग भीग गए। करीब 70 हजार क्विंटल से ज्यादा सरसों व गेहूं भीगने का अनुमान है। इसके चलते उठान से लेकर भुगतान प्रक्रिया तक प्रभावित होगी। डीसी ने हैफेड अधिकारियों को भी तलब कर मंडी में की गई व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। हिसार, सिरसा और फतेहाबाद जिले में भी आसमान में काले बादल छा गए और तेज हवाएं चलने लगी। ऐसे में खेतों में फसल कटाई का इंतजार कर रहे किसानों के चेहरों पर परेशानी साफ नजर आई।