रायपुर: ज्यादा से ज्यादा मतदान के लिए छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर मतदान केंद्रों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। 1998 में जहां सिर्फ 15,110 मतदान केंद्र थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 24 हजार से अधिक हो चुकी है।
निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों के मुताबिक बस्तर से लेकर सरगुजा व शहरी- ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा मतदान के लिए मतदान केंद्रों में वृद्धि की जा रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतदान केंद्र रायपुर लोकसभा सीट में बनाया गया है। पहले चरण के चुनाव के लिए बस्तर में कुल 1961 मतदान केंद्र हैं, जिसमें से 191 संगवारी मतदान केंद्र, वहीं 36 युवा तथा 08 दिव्यांग मतदान केंद्र संचालित होंगे।
2029 तक 30 हजार होंगे मतदान केंद्र
निर्वाचन पदाधिकारियों के मुताबिक 2029 तक प्रदेश में कुल मतदान केंद्रों की संख्या 30 हजार करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि लोगों को कम से कम दूरी पर मतदान केंद्र की सुविधा प्राप्त हो सके। इसमें सुदुर आदिवासी, बस्तर अंचल सहित वनांचल क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा केंद्र बनाएं जाएंगे।
मतदान के लिए यह वैकल्पिक दस्तावेज
आधार कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र/राज्य सरकार/लोक उपक्रम/पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंकों/डाकघरों द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, एनपीआर के तहत आरजीआइ द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों/विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र और भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसएबिलिटी आइडी (यूडीआइडी) कार्ड शामिल है। मतदाता इनमें से कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत कर मतदान कर सकेंगे। प्रवासी निर्वाचकों को जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर निर्वाचक नामावालियों में पंजीकृत है, मतदान केंद्र में केवल उनके मूल पासपोर्ट (तथा अन्य कोई पहचान दस्तावेज नहीं) के आधार पर ही पहचाना जाएगा।