तेहरान: अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को इस बात की पूरी आशंका है कि ईरान या ईरान के सहयोग और समर्थन के काम करने वाले संगठन इजरायल पर हमला करेंगे. खुफिया सूत्रों के हवाले से पहले यह जानकारी आई थी कि हमला ईद या ईद से पहले हो सकता है. लेकिन अब कहा जा रहा है कि यह अगले कुछ दिनों में हो सकता है. यह भी कहा गया है कि जरूरी नहीं है कि हमला इजरायल के उत्तरी तरफ यानी कि लेबनान की तरफ से किया जाए, जहां से ईरान का प्रॉक्सी हिजबुल्ला लगातार इजरायल पर हमले करता रहा है. हमला किसी अन्य तरफ से भी हो सकता है.
हमले में सीधे निशाने पर मार करने वाली मिसाइल का इस्तेमाल हो सकता है या फिर एक साथ बहुत से ड्रोन दागे जा सकते हैं. साथ-साथ अमेरिका को इस बात की भी चिंता है कि ईरान या उसके कठपुतली संगठनों की तरफ से अमेरिका के उन सैन्य अड्डों पर भी हमला किया जा सकता है जो मध्य पूर्व में हैं.
खुमैनी ने दी थी सजा देने की चेतावनी
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खुमैनी ने कहा था कि इजरायल ने बहुत बड़ी गलती की है और उसे इसकी सजा दी जाएगी. इसके जवाब में इजरायल के विदेश मंत्री काट्ज़ ने कहा कि अगर ईरान इजरायल की जमीन पर हमला करेगा तो बदले में इजरायल भी ईरान की जमीन पर हमले करेगा. इससे इजरायल हमास युद्ध के मध्य पूर्व में फैलने का खतरा काफी बढ़ गया है.
सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि इस युद्ध में परमाणु हथियार के इस्तेमाल की आंशका भी काफी बढ़ गई है. वाशिंगटन पोस्ट ने खुफिया अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट किया है कि ईरान परमाणु बम बनाने के बहुत ही करीब है. वह तेजी से संवर्धित यूरेनियम जमा कर रहा है, जो परमाणु बम में इस्तेमाल हो सकता है.
ईरान संवर्धित यूरेनियम से बना सकता है परमाणु हथियार
ईरान के न्यूक्लियर कार्यक्रम को लेकर शक और सवाल उठते रहे हैं. ईरान पहले साफ कर चुका है कि परमाणु बम बनाने की उसकी कोई योजना नहीं है, लेकिन बदली हुई परिस्थिति में ईरान ऐसा कर सकता है, यह माना जा रहा है. उसके पास जो संवर्धित यूरेनियम है उसे वह परमाणु हथियार में प्रयुक्त होने वाले ईंधन में ढाल सकता है. ऐसा वह कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों के बीच कर सकता है और यह ईंधन तीन परमाणु बम बनाने के लिए काफी होगा. हालांकि एक क्रूड परमाणु बम बनाने में छह महीने तक का समय लग सकता है. और ऐसी मिसाइल बनाने में क़रीब दो साल तक का समय लग सकता है जो परमाणु हथियार वाले वारहेड के साथ हमला करने की क्षमता से लैस हो. कुल मिलाकर तुरंत ही ईरान परमाणु हथियार इस्तेमाल कर सकता है, ऐसी आशंका नहीं है, लेकिन डर्टी बम आदि का भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
जाहिर सी बात है कि इजरायल की कोशिश होगी कि ईरान परमाणु बम बनाने की क्षमता तक न पहुंचे. इसलिए इजरायल टाइम्स ने अरब न्यूज़ के हवाले से जो रिपोर्ट किया है वह भी अहम है. इसके मुताबिक इजरायल ने इस बात के संकेत दिए गए हैं कि अगर ईरान ने इजरायल पर हमला किया तो इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों पर बम गिराएगा. लंदन के इलाफ़ न्यूज ने भी अनाम पश्चिमी सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से इस तरह की खबर छापी है.
सीधा हमला ईरान को पड़ सकता है महंगा
हालांकि खुफिया सूत्र के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि शायद ईरान इजरायल पर सीधे हमले से बचे, क्योंकि इसके बाद इजरायल के साथ-साथ अमेरिका भी उस पर सीधा हमला करेगा, जो ईरान के लिए काफी घातक साबित हो सकता है. इसलिए ईरान हमले में लेबनान के हिज़्बुल्लाह, या यमन के हूथी या गाजा के हमास या फिर ईराक और सीरिया के शिया मिलिशिया का इस्तेमाल कर सकता है.
एक खुफिया आकलन यह भी कहता है कि इजरायल की जमीन पर सीधे हमले न कर दूसरे देशों में तैनात इजरायली राजनयिकों की हत्या की कोशिश भी की जा सकती है. वैसे ही जैसे कि 2012 में जब इजरायल ईरान के न्यूक्लियर वैज्ञानिकों को निशाना बना रहा था तब ईरान अज़रबैजान, थाईलैंड और जॉर्जिया जैसे देशों में इज़रायली राजनयिकों के पीछे पड़ गया था. हालांकि उन साजिशों को नाकाम कर दिया गया था.
इजरायल पूरी चौकसी बरत रहा है. इजरायल के सभी सैनिकों की छुट्टी रद्द किए जाने की खबर है. तेल अवीव सहित अपने कई इलाकों के ऊपर उसने जीपीएस नेवीगेशन पर रोक लगा दी है ताकि मिसाइल किसी खास टारगेट को निशाना बनाने में कामयाब न हो. उधर हमले की सूरत में इजरायल की मदद के लिए अमेरिका ने अपने मध्य पूर्व के टॉप मिलिटरी कमांडर को इजरायल भेजा है, यह जानकारी भी आई है. कुछ मिलाकर ईरान के हमले की आशंका के मद्देनजर पूरे इलाके में नए तरह का तनाव व्याप्त है.
शहाब-3... शहाब-3 ईरान की मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. ये मिसाइल नॉर्थ कोरिया की नोडोंग-1 मिसाइल पर आधारित है. इसकी रेंज 1000 से 2000 km है. यह निर्भर करता है कि इसके ऊपर हथियार कितने वजन का लगाया जाता है. नए मॉडल में क्लस्टर म्यूनिशन का भी ऑप्शन है. यानी एक ही मिसाइल से पांच स्थानों पर हमला किया जा सकता है. यह अधिकतम 400 km की ऊंचाई तक जा सकती है. इसकी गति 2.4 km प्रति सेकेंड है.
Ghadr… मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है. इसकी रेंज 1800 से 2000 किलोमीटर है. इसकी गति बहुत ज्यादा भयानक है. यह मैक 9 की गति से उड़ान भरती है. यानी 11,113.2 km/hr की स्पीड से टारगेट की तरफ बढ़ती है. इसे एंटी सैटेलाइट मिसाइल और IRBM की कैटेगरी में भी रखते हैं. यह मिसाइल इनर्शियल गाइडेंस और जीपीस नेविगेशन के आधार पर चलती है. इसकी CEP 110 मीटर है. यानी टारगेट से 110 मीटर के रेडियस में कहीं भी गिरे, यह टारगेट को खत्म कर देता है. दो स्टेज की मिसाइल में पहला स्टेज लिक्विड और दूसरा सॉलिड फ्यूल वाला है. इसकी लंबाई 15.5 मीटर है.
एमाद… एमाद मिसाइल लिक्विड-फ्यूल मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है. इसका व्यास 1.25 मीटर है. इसमें एक ही वॉरहेड लगता है. जिसका वजन 750 किलोग्राम होता है. इसकी CEP 10 मीटर है. यानी टारगेट के पांच10 मीटर इधर-उधर भी गिरा तभी टारगेट पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. इसकी रेंज 1700 km है. इतना ही नहीं इस मिसाइल में मैन्यूवरेबल रीएंट्री व्हीकल (MaRV) की खासियत भी है. यानी जरूरत पड़ने पर इसकी दिशा बदली जा सकती है. इसे इंटरमीडिएट रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBM) की कैटेगरी में भी रखा जाता है. यह देखने में शहाब-3 मिसाइल की तरह दिखती है. 2016 से ईरानी सेना इसका इस्तेमाल कर रही है.
फतह … फतह एक हाइपरसोनिक मीडियम रेंज मिसाइल है. इसमें 350 से 450 किलोग्राम का वॉरहेड यानी हथियार लगाया जा सकता है. सॉलिड फ्यूल इंजन से उड़ान भरता है. इसकी रेंज 1400 km है. गति 16,052 km/hr से 18,522 km/hr है. इसकी खास बात है इसकी मैन्यूवरिबिलिटी. यहा किसी भी दिशा में कभी भी मोड़ी जा सकती है. यानी दुश्मन टारगेट चाहकर भी भाग नहीं सकता. यह किसी भी मिसाइल राडार की नजर में भी नहीं आती.
हज कासेम… हज कासेम ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल है. 2020 से ईरानी सेना इसका इस्तेमाल कर रही है. इसका वजन 7 टन है. 36 फीट लंबी मिसाइल में 500 किलोग्राम वजनी वॉरहेड लगा सकते हैं. इसकी रेंज 1400 किलोमीटर है. इसकी स्पीड ही इसे बेहद खतरनाक बनाती है. यह 14,817 km/hr की स्पीड से टारगेट की तरफ बढ़ती है. इसलिए इससे बचना मुश्किल है.
खैबर शेकन … खैबर शेकन भी मीडियम रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. यह सॉलिड फ्यूल रॉकेट इंजन के सहारे उड़ान भरती है. साढ़े चार टन वजनी मिसाइल की लंबाई 10.5 मीटर है. व्यास 80 सेंटीमीटर है. इसमें 500 किलोग्राम वजनी वॉरहेड लगा सकते हैं. इसकी रेंज 1450 किलोमीटर है. किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा देने के लिए खास तरह की मैन्यूवरिबिलिटी तकनीक से लैस है. इसकी स्पीड 4932 से 6174 किलोमीटर प्रतिघंटा है.
पावेह मिसाइल… पावेह स्ट्रैटेजिक क्रूज मिसाइल है. इसकी रेंज 1650 किलोमीटर है. यह बेहद स्मार्ट मिसाइल है, बीच रास्ते में अपना टारगेट भी बदल सकती है. इसे सतह से सतह पर मार करने के लिए बनाया गया है. इस मिसाइल को ईरान ने पिछले साल ही सार्वजनिक किया. यह टारगेट तक पहुंचने से पहले कई रास्ते खोज लेती है. किसी रास्ते पर दिक्कत आती है, तो ये अपना रास्ता बदल लेती है.
सेजिल मिसाइल…. सेजिल मिसाइल भी सॉलिड फ्यूल्ड मीडियम रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है. 22.5 टन वजनी मिसाइल की लंबाई 18.2 मीटर है. इसमें 500 से 1500 किलोग्राम वजन के वॉरहेड लगा सकते हैं. इसकी गति ही इसे सबसे ज्यादा मारक बनाती है. ये 17,487 km/hr की गति से उड़ान भरती है. इसकी रेंज 2000 से 2500 किलोमीटर है. अगर हाइब्रिड मोड वाली मिसाइल का इस्तेमाल किया गया तो यह 4500 किलोमीटर तक जा सकती है. इसकी CEP 20 मीटर है, यानी टारगेट से 20 मीटर दूर भी गिरी तो भी ये उसे पूरी तरह से बर्बाद कर देगी.