नव संवत्सर 2081 के आगमन के पहले ही दिन आंखों में शबरी से भाव और मन में पंचवटी में बिताए प्रभु श्रीराम के वनवास की कथा संजोए अभिनेत्री नेहा जोशी ने अयोध्या पहुंचकर भव्य श्रीराम मंदिर में राम लला के दर्शन किए। उनके साथ अभिनेता आशुतोष कुलकर्णी भी रहे। दोनों ने श्रीराम के दर्शन से पहले अपना वही भेस धरा, जो उन्होंने धारावाहिक ‘अटल’ में अपनाया है। इस धारावाहिक में ये दोनों कलाकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के माता-पिता के चरित्र निभा रहे हैं। श्रीराम के दर्शनों से अभिभूत नेहा ने इस मौके पर कहा, ‘राम लला की पावन मूर्ति के सम्मुख खड़े होना एक ऐसा अनुभव था, जिसे मैं कभी भुला नहीं पाऊंगी।’देश भर में मंगलवार से चैत्र नवरात्र पर्व प्रारंभ हो चुका है। इसी दिन से हिंदू नव वर्ष का प्रारंभ माना जाता है, यह नव वर्ष संवत्सर 2081 है। नवरात्रि के नौवें दिन यानी राम नवमी को प्रभु श्री राम का जन्म हुआ और माना जा रहा है कि अयोध्या धाम में इस वर्ष ये पर्व बहुत ही अधिक धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दिन की तैयारियां अयोध्या में शुरू हो चुकी हैं और इन तैयारियों को देखने और राम नगरी की शोभा निहारने ये दोनों कलाकार मुंबई से अयोध्या धाम पहुंचे। नेहा और आशुतोष दोनों की ये पहली अयोध्या यात्रा रही। राम जन्म उत्सव से पहले राम लला का आशीर्वाद लेने पहुंचे ये दोनों कलाकार अयोध्या पहुंचने के बाद काफी भावुक नजर आए.
धारावाहिक ‘अटल‘ में अटल की मां कृष्णा देवी वाजपेयी का चरित्र निभाने वाली नेहा जोशी कहती हैं, ‘भगवान राम ने अपने वनवास का लंबा समय महाराष्ट्र में गोदावरी के निकट पंचवटी में बिताया। राम की भक्त होने के नाते, अयोध्या आने और मंदिर में दर्शन करने का मौका पाना, मेरे लिये किसी सपने के सच होने जैसा था। मैंने जैसे ही राम लला का मनभावन मुखड़ा देखा, मेरी आंखों में खुशी के आंसू उमड़ पड़े। जब राम लला के सामने खड़े होकर मैंने प्रार्थना की और आशीर्वाद मांगा, तो उनकी मूर्ति मानो किसी दूसरी दुनिया से अवतरित, दिव्य प्रतीत हो रही थी। उस पावन पल में मुझे एक गहरी शांति और सुकून की अनुभूति हुई, जिसने समर्पण और विनम्रता के भावों को जगाते हुए मुझमें आत्मसमर्पण का भाव उत्पन्न किया।’
राम मंदिर में प्रभु श्रीराम का दर्शन करने के बाद नेहा जोशी और आशुतोष कुलकर्णी ने हनुमान गढ़ी पहुंचकर श्री राम के अनन्य भक्त हनुमान के भी दर्शन किए और हनुमान गढ़ी के महंत ने इस मौके पर दोनों को प्रसाद और उपहार भेंट किए। यहां से दोनों सरयू नदी के तट पर पहुंचे। सरयू के जल से आचमन करने के बाद दोनों ने देर तक यहां नौका विहार भी किया।
पहली बार राम मंदिर में आने के अपने अनुभव बताते हुए आशुतोष कुलकर्णी ने कहा, ‘राम नवमी पूरे देश और दुनिया भर में बेहद उत्साह एवं समर्पण के साथ मनाई जाती है। रामनवमी उत्सव से पहले मुझे राम मंदिर जाकर भगवान राम का आशीर्वाद लेने और यहां की भव्य तैयारियों को देखने का मौका मिला, यह वाकई में प्रेरणादायक और अद्भुत अनुभव था। मंदिरों की कलात्मक वास्तुकला ने मुझे हमेशा ही चौंकाया है और राम मंदिर इसमें पीछे नहीं था। मंदिर परिसर में ‘जय श्री राम‘ के खूबसूरत मंत्रोच्चार में मैं डूब गया। जब मैं गर्भगृह के निकट पहुंचा, तो राम लला की दिव्य मूर्ति के दर्शन हुए। इस दृश्य ने मुझे श्रद्धा से नतमस्तक कर दिया। मेरा ईश्वर से संबंध और भी मजबूत हुआ है।’