नई दिल्ली। बीबीसी ने वैश्विक स्तर पर पहली बार भारत में न्यूज रूम को अलग कर अपने भारतीय कर्मचारियों द्वारा स्थापित एक निजी लिमिटेड कंपनी को सौंप दिया है. बीबीसी ने यह कदम सालभर पहले आयकर विभाग द्वारा कर चोरी के कथित आरोपों के बीच की गई छापेमारी के बाद उठाया है. बीबीसी ने इस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में 26% हिस्सेदारी के लिए भारत सरकार के पास आवेदन किया है.
एक नामचीन अखबार से बात करते हुए बीबीसी की न्यूज रूम का संचालन करने वाली निजी कंपनी कलेक्टिव न्यूज़रूम की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूपा झा ने कहा, “बीबीसी के लिए किसी अन्य इकाई को प्रकाशन का लाइसेंस देना अभूतपूर्व है… हम अपनी पत्रकारिता से समझौता नहीं करेंगे और बीबीसी पूरी तरह से हमारे पीछे है.” बता दें कि झा बीबीसी इंडिया में वरिष्ठ समाचार संपादक थीं, और कलेक्टिव न्यूज़रूम के चार संस्थापक शेयरधारकों में से एक हैं.
बीबीसी के भारत परिचालन के पुनर्गठन को 2020 में पेश किए गए नए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों से प्रेरित किया गया, जिसने भारत के डिजिटल मीडिया क्षेत्र में 26% एफडीआई सीमा लगाई.
इससे पहले देश में बीबीसी के संपादकीय संचालन का प्रबंधन बीबीसी इंडिया द्वारा किया जाता था, जिसका 99 प्रतिशत से अधिक स्वामित्व यूके स्थित ब्रॉडकास्टर के पास था. हालाँकि, एक बार निवेश सीमा लागू होने के बाद 26 प्रतिशत एफडीआई सीमा से अधिक वाली कंपनियों को अक्टूबर 2021 तक इस विनियमन का अनुपालन करने के लिए अपने विदेशी निवेश को कम करने की आवश्यकता थी.
बीबीसी का भारत ब्यूरो, जिसमें लगभग 200 लोग शामिल हैं, यूनाइटेड किंगडम के बाहर दुनिया भर में इसका सबसे बड़ा ऑपरेशन है. भारत में इसका प्रसारण मई 1940 में शुरू हुआ था. पिछले साल फरवरी में, 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित एक डॉक्यूमेंट्री प्रसारित करने के कुछ दिनों बाद आयकर अधिकारियों ने दिल्ली और मुंबई में इसके कार्यालयों की तलाशी ली थी.
नए एफडीआई नियमों से भारत में बीबीसी के परिचालन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. झा ने कहा. “हमारे सामने कई विकल्प थे. यह ध्यान में रखते हुए कि बीबीसी भारत में अपनी उपस्थिति नहीं खोना चाहता था या नौकरियों में कटौती नहीं करना चाहता था, और वे नहीं चाहते थे कि यह वित्तीय रूप से अव्यवहार्य हो जाए, इसने हमें लीक से हटकर सोचने के लिए मजबूर किया. बीबीसी को मिल रही कानूनी सलाह के आधार पर, हर कोई इसे (सामूहिक की स्थापना के) व्यवहार्य विकल्प के रूप में देख रहा था.”
फिलहाल, बीबीसी इंडिया के लगभग 200 कर्मचारी कलेक्टिव न्यूज़रूम में चले गए हैं.
बीबीसी न्यूज़ के डिप्टी सीईओ जोनाथन मुनरो ने कहा, “भारत में बीबीसी की उपस्थिति एक समृद्ध इतिहास से भरी हुई है, जिसने हमेशा दर्शकों को पहले स्थान पर रखा है, इसलिए हम कलेक्टिव न्यूज़रूम के गठन का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं, जो उस प्रगति को जारी रखेगा.”