कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने शनिवार (6 अप्रैल 2024) को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला किया. राजस्थान के जयपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा देश पिछले 10 साल से एक ऐसी सरकार के हवाले है जिसने महंगाई और बेरोजारी के अलावा कुछ नहीं दिया है. इस सरकार ने आम लोगों पर अत्याचार किया है. यह देश सिर्फ चंद लोगों की जागीर नहीं है. यह देश हम सबका है.
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि भाइयों और बहनों इस कार्यक्रम में आप सबके बीच आकर मुझे आपार गर्व हो रहा है. साथियों कभी हमारे महान पूर्वजों ने कठिन संघर्ष के दम पर हमें आजादी दिलाई. इतने वर्षों बाद आज चारों तरफ अन्याय का अंधकार पड़ा है. हम सभी का संकल्प होना चाहिए कि हम इसके खिलाफ लड़ेंगे और न्याय की रोशनी खोजेंगे.
‘मोदी जी लोकतंत्र की मर्यादा का चीरहरण कर रहे हैं’
भाइयों और बहनों देश से ऊपर हो जाने की बात सपने में भी नहीं सोची जा सकती. क्या कोई देश से भी बड़ा हो सकता है. जो ऐसा सोचता है, देश की जनता, मेरी प्यारी बहनें, नौजवान, किसान, आदिवासी और मजदूर उसे सबक सिखा देते हैं. दुर्भाग्य से आज हमारे देश में ऐसे नेता सत्ता में विराजमान हैं. मोदी जी खुद को महान मानकर देश और लोकतंत्र की मर्यादा का चीरहरण कर रहे हैं. विपक्षी नेताओं को डराने धमकाने और भाजपा में शामिल कराने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. आज हमारे देश का लोकतंत्र खतरे में है. मेहनत से खड़ी की गई लोकतांत्रिक संस्थाओं को राजनीतिक सत्ता से बर्बाद किया जा रहा है. हमारे संविधान को बदलने का षडयंत्र रचा जा रहा है. ये सब तानाशाही है और हम सब इस तानाशाही का जवाब देंगे.
‘मध्य वर्ग और किसानों के बच्चे बेरोजगार हैं’
आज रोज की कमाई से खाने-पीने का सामान तक जुटा पाना मुश्किल है. मेहनतकश कामगार के परिश्रम का मोल कम होता जा रहा है. रसोई की महंगाई बार-बार मेरी बहनों की अग्निपरीक्षा ले रही है. किसानों और मध्यम वर्ग परिवार के बच्चे और बच्चियां बेरोजगार हैं. गरीब कितना भी जोर लगा ले लेकिन उसके पास शक्ति, सफलता और रोशनी पहुंच नहीं पा रही है. साथियों आज देश आपकी जागरूकता का रास्ता देख रहा है. इसलिए कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र को पांच हिस्सों में बांटा है. मुझे विश्वास है कि कांग्रेस के साथी मेहनत से इसके एक-एक संकल्प और गारंटी को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.