भोपाल। मध्य प्रदेश ने निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए प्रशासन अलर्ट मोड पर है। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद कलेक्टर ने तीन सदस्य टीम बनाई है। वहीं प्रशासन अब किताबें बुक्स के साथ अन्य शैक्षिक सामग्रियों के रेट लेगा। जिससे स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाई जाएगी।नए शिक्षा सत्र में स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए प्रशासन ने सख्ती शुरू कर दी है। इसे लेकर अलग-अलग दुकानों पर स्कूल शिक्षा और भोपाल जिला प्रशासन के अधिकारियों ने निरीक्षण भी कर रहे है। जिसमें स्कूल संचालकों की मनमानी भी पकड़ी गई। मामले को लेकर कलेक्टर ने तीन सदस्य टीम बनाई है। जो निजी स्कूलों का सत्यापन करेगी। वहीं निजी स्कूल यूनिफॉर्म, किताबें और सिलेबस में कोई बदलाव नहीं कर सकता। वहीं अगर बदलाव करना है तो जिला शिक्षा अधिकारी को कारण बताओ आवेदन देना होगा। वहीं कलेक्टर की मंजूरी के बाद ही बुक यूनिफॉर्म या शैक्षिक सामग्री बदले जा सकेंगे।निजी स्कूलों की मनमानी पर अब ब्रेक लगेगा। मुख्यमंत्री के आदेश पर कलेक्टर ने निजी स्कूलों को लेकर गाइडलाइन जारी की है। जिसमें प्रकाशक स्कूल संचालक और विक्रेताओं की मोनोपॉली खत्म होगी। बतादें कि, अब दो वर्ष के पहले कोर्स नहीं बदल सकेंगे। साथ ही यूनिफार्म की पब्लिक डोमेन में जानकारी देनी होगी। जिसमें टाई, बेल्ट और जूतों के नमूने पब्लिक डोमेन में अपलोड करने होंगे। भोपाल में निजी स्कूलों की जांच के लिए चार समितियां गठित की गई है। स्कूलों में पढ़ाई जा रही महंगी किताबों की कीमतों की भी जांच होगी। इस नई गाइडलाइन का निजी स्कूल, एमपी बोर्ड, सीबीएससी सहित सभी स्कूलों को पालन करना होगा।
विधायक निर्मला सप्रे को सदन में अपने साथ नहीं बैठाएगी कांग्रेस, शीतकालीन सत्र में सदस्यता पर हो सकता है फैसला
भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले की बीना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर भले ही अभी कोई फैसला ना हुआ हो, लेकिन कांग्रेस ने यह…