क्या आपने कभी सोचा है कि महीना तो आखिर 30-31 दिनों का होता है. फिर टेलीकॉम कंपनियां 28 दिनों का ही वैलिडिटी प्लान क्यों देती हैं. जबकि वे पैसे पूरे महीने के ले लेती हैं. क्या इसके पीछे कोई टेक्नीकल इश्यू है या फिर ऐसा करके कंपनियां आपके साथ कोई बड़ा घपला कर रही हैं. आज हम इस खेल के बारे में आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं कि कैसे कंपनियां चालाकी करके आपकी जेब खाली करने में लगी हुई हैं।
क्यों 28, 56 या 84 दिन के ही होते हैं इंटरनेट प्लान (Mobile Recharge Plan)
भारत में कंपनियों द्वारा 28 दिन का इंटरनेट प्लान दिया जाता है. पहले कुछ ही कंपनियों द्वारा 28 दिन के प्लान दिये जाते थे लेकिन अब सभी कंपनियों के प्लान की वैलिडिटी एक जैसी ही होती है. इस तरह के प्लान की वजह से ग्राहकों को एक साल में 12 रिचार्ज की जगह 13 रिचार्ज कराने पड़ते हैं. 28 दिन के प्लान के कारण जिस महीने में 30 दिन होता है उसमें 2 दिन और अगर 31 का महीना होता है तो 3 दिन शेष बच जाता है.
अगर फरवरी का महीना 28/29 का हो तो भी 28/29 दिन पूरे साल में अतिरिक्त मिल जाते है जिससे एक एक्स्ट्रा रिचार्ज आपको करना पड़ता है. इस तरह कंपनियों को हर साल एक महीने के अधिकतम रिचार्ज का फायदा होता है. हालाँकि बीएसएनएल द्वारा अभी भी 30 दिन का प्लान दिया जाता है।
TRAI क्या कर रहा है?
टेलीकॉम कंपनियों के 28 दिन का प्लान देने को लेकर कुछ महीनों पहले कहा गया था कि इसके लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी. लेकिन अभी तक इस संबंध में TRAI से कोई अपडेट नहीं आया है. ऐसे में सभी टेलीकॉम कंपनियों का रिचार्ज (मोबाइल रिचार्ज प्लान) पहले की तरह 28-28 दिन ही चल रहा है. जिसके कारण ग्राहकों को साल में 12 के जगह 13 रिचार्ज कराने पड़ते हैं.