असम पुलिस के महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह ने आईएसआईएस इंडिया प्रमुख हारिस फारूकी की गिरफ्तारी को आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कामयाबी करार दिया है। शीर्ष पुलिस अधिकारी सिंह ने बुधवार को कहा कि यह असम पुलिस की देश में हिंसक आतंकवाद का मुकाबला करने के राष्ट्रीय प्रयास में एक बड़ी सफलता है। सिंह ने कहा, असम पुलिस की हरदम कोशिश रहती है कि प्रदेश हो या फिर राष्ट्र किसी भी हिस्से में आतंकवाद को पैर जमाने नहीं देना है। उन्होंने इसके लिए असम पुलिस और एसटीएफ को बधाई दी।उल्लेखनीय है कि असम पुलिस ने ही सबसे पहले बांग्लादेश से मानव तस्करी का खुलासा किया था और उस आधार पर ही एनआईए ने गुवाहाटी में मामला दर्ज किया था। उसके बाद ही देश के विभिन्न हिस्सों में मानव तस्करी के खिलाफ एनआईए ने छापेमारी की थी और कई लोग गिरफ्तार हुए थे।
डीजीपी जीपी सिंह ने कहा, आईएसआईएस इंडिया प्रमुख और उसके सहयोगी की गिरफ्तारी को बहुत ही शानदार तरीके से एग्जिक्यूट किया गया। अगर ये देश में प्रवेश कर जाते तो देश को बड़ा नुकसान हो सकता था। लेकिन समय रहते और सही समन्वय से इसे अंजाम दिया गया। उन्होंने इस सफलता के लिए असम एसटीएफ को बधाई दी है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, अगले कुछ दिनों का इंतजार कीजिए।
उल्लेखनीय है कि असम पुलिस ने बुधवार को निचले असम में धुबरी जिले के धर्मशाला इलाके से आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) के भारतीय प्रमुख को गिरफ्तार किया। असम पुलिस की एसटीएफ टीम ने पड़ोसी बांग्लादेश से असम में घुसपैठ करने के बाद आईएसआईएस इंडिया प्रमुख हारिस फारूकी और समूह के एक अन्य सदस्य अनुराग सिंह को पकड़ा। फारूकी आतंकवाद संबंधी गतिविधियों के लिए भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी की मोस्ट वांटेड सूची में है।
सूत्रों के मुताबिक इनपुट के आधार पर आईजीपी (एसटीएफ) पार्थसारथी महंत, एडिशनल एसपी (एसटीएफ) कल्याण कुमार पाठक और अन्य रैंक के अधिकारियों की एक टीम गठित की गई। टीम मंगलवार को धुबरी के लिए रवाना हुई। इसके बाद, सूचना के मुताबिक अपराधियों को पकड़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में एक तलाशी अभियान शुरू किया गया। आखिरकार बुधवार सुबह करीब 4:15 बजे, अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के बाद धुबरी के धर्मशाला इलाके में इन दोनों को एसटीएफ ने पकड़ने में सफलता हासिल की।
दोनों को पकड़कर गुवाहाटी स्थित एसटीएफ कार्यालय लाया गया। दोनों की पहचान की गई तो पता चला कि आरोपी हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारूकी पुत्र अजमल फारूकी निवासी चकराता, देहरादून भारत में आईएसआईएस का मुखिया है। उसका सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान पुत्र मनबीर सिंह निवासी दीवाना, पानीपत ने इस्लाम धर्म अपना लिया है और उसकी पत्नी बांग्लादेशी नागरिक है। उन्होंने पूरे भारत में कई स्थानों पर आतंकी भर्ती, आतंकी फंडिंग और आतंकी कृत्यों को अंजाम देने की साजिशों के माध्यम से भारत में आईएसआईएस के उद्देश्य को आगे बढ़ाया था। उनके खिलाफ एनआईए, दिल्ली और एटीएस, लखनऊ आदि में कई मामले लंबित हैं। एसटीएफ, असम इन्हें आगे की कानूनी कार्रवाई करने के लिए आरोपियों को एनआईए को सौंपेगी।