दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आज प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं होंगे। आम आदमी पार्टी ने जानकारी देते हुए बताया कि अरविंद केजरीवाल ईडी के समन पर नहीं जाएंगे। जब कोर्ट से जमानत पर हैं तो ईडी बार बार क्यों समन भेज रही है। प्रवर्तन निदेशालय का समन गैर कानूनी है। भाजपा ईडी के पीछे छुपकर क्यों चुनाव लड़ना चाहती है।
जल बोर्ड मामले में अरविंद केजरीवाल को 18 मार्च को ईडी कार्यालय में पेश होने और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। वहीं, ईडी ने आबकारी नीति मामले में भी केजरीवाल को 9वां समन जारी किया। मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत दर्ज यह दूसरा मामला है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक को तलब किया गया था।
दिल्ली जल बोर्ड मामले की कार्रवाई कर रही ईडी
ईडी दिल्ली जल बोर्ड में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कार्रवाई कर रही है। इस मामले में सीबीआई ने मामला दर्ज कर रखा है और ईडी दो लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इतना ही नहीं, उसने गत दिनों मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक बिभव कुमार, आम आदमी पार्टी के कोषाध्यक्ष व राज्यसभा सांसद एनडी गुप्ता और अन्य लोगों के यहां छापेमारी की थी।
ईडी ने जल बोर्ड मामले में पहला समन जारी किया
इसी मामले में अब उसने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन जारी किया है। वहीं आप नेता आतिशी ने कहा कि यह अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने का दूसरा प्लान है और लोकसभा चुनावों के लिए उन्हें प्रचार करने से रोकने का प्रयास है।
जल बोर्ड में टेंडर देने के नाम पर गबन का आरोप
बताया जा रहा है कि कथित तौर पर जल बोर्ड के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपये का ठेका दिया था। यह ठेका इलेक्ट्रोमेग्नेटिक फ्लो मीटर्स की आपूर्ति, स्थापना और परीक्षण के लिए दिया गया था। इस मामले में आरोप लगाया गया है कि बोर्ड और एनबीसीसी के अधिकारियों ने रिश्वत के लिए एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर का पक्ष लिया। ईडी ने इस मामले में गत 31 जनवरी को जगदीश कुमार अरोड़ा और ठेकेदार अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया था।
उधर ईडी ने मामले से जुड़ी मनी ट्रेल की जांच करते हुए आरोप लगाया है कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर को अनुबंध दिए जाने के बाद अरोड़ा को नकद और बैंक खाते में रिश्वत प्राप्त हुई थी। यह पैसा अलग-अलग पार्टियों को देने का आरोप लगाया गया। वहीं आम आदमी पार्टी को चुनावी फंड के तौर पर भी पैसा दिया गया।
ईडी का दावा बढ़ी हुई दरों पर दिया ठेका
ईडी का दावा है कि डीजेबी का ठेका बढ़ी हुई दरों पर दिया गया, ताकि ठेकेदारों से रिश्वत वसूली जा सके। एजेंसी ने कहा, ठेके का मूल्य 38 करोड़ रुपये था और इस पर सिर्फ 17 करोड़ रुपये खर्च किए गए और शेष राशि गबन कर ली गई। इस तरह के फर्जी खर्च रिश्वत और चुनावी कोष के लिए किए गए थे।
सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल को 18 मार्च को ईडी कार्यालय में पेश होने और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया है। वहीं, ईडी ने आबकारी नीति मामले में भी केजरीवाल को 9वां समन जारी किया है। मनी लॉन्ड्रिंग रोधी कानून के तहत दर्ज यह दूसरा मामला है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक को तलब किया गया है।
उन्हें पहले ही दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए आठ समन जारी किए गए, पर वह पेश नहीं हुए। केजरीवाल को अब 9वां समन जारी कर 21 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी ) से जुड़े मामले में जारी समन पर दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि कोई नहीं जानता कि डीजेबी का यह मामला किस चीज को लेकर है।
समन पर पेश न होने पर वीरेन्द्र सचदेवा का केजरीवाल पर तंज
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने ईडी के समन पर पेश न होने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि जांच से फिर भाग रहे हैं। अब तो यह स्पष्ट है कि अरविंद केजरीवाल भ्रष्ट हैं, दाल में काला नही है, जलबोर्ड घोटाला तो पूरा काला है।
केजरीवाल को भेजे 9वें सम्मन पर भाजपा नेता ने दी प्रतिक्रिया
वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को ईडी द्वारा भेजे गए 9वें सम्मन पर कहा कि जांच एजेंसी स्वतंत्र रूप से अपना काम कर रही है, लेकिन केजरीवाल बार-बार कानून की अवहेलना कर रहे हैं। उन्होंने कल जिस मामले में जमानत ली है उसका शराब नीति केस से कोई लेना देना नहीं है। सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी की प्रवृति एवं बोलचाल की भाषा गुंडों और लुटेरों जैसी है और उनकी भाषा ही उनके चरित्र का प्रमाण है।
शराब घोटाले में केजरीवाल के पूर्व उप मुख्य मंत्री एक साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं और एक अन्य सांसद भी लंबे समय से जेल में हैं, लेकिन बार-बार आम आदमी पार्टी बार-बार कह रही है कि शराब नीति में कोई घोटाला नहीं हुआ है। यह हास्यास्पद है।
सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल और आतिशी से सवाल करते हुए कहा कि पहले तो दिल्ली में शराब नीति बदलने की क्या जरुरत थी और अगर नई शराब नीति अच्छी थी तो फिर उसे जांच शुरु होते ही वापस क्यों लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि केजरीवाल को दिल्ली जल बोर्ड मामले में भी दूसरा सम्मन एक लूट का प्रमाण है। दिल्ली की जनता जानती है कि जल बोर्ड को किस प्रकार से लूटा गया है और भाजपा इस बात को हमेशा से कहती रही है कि जलबोर्ड का घोटाला शराब घोटाले से भी बड़ा घोटाला है।
जल बोर्ड में इतने करोड़ का घोटाला
केन्द्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली जल बोर्ड में 3,237 करोड़ रुपये के घोटाले का दावा किया। उन्होंने जल बोर्ड के बैंक खातों की स्टेटमेंट व वित्तीय रिपोर्ट का जिक्र करते कहा कि वर्ष 2018-19 से 2022-23 के बीच बोर्ड के वित्तीय खर्च के बारे में कई जानकारियां छिपाई गईं हैं। वर्ष 2017-18 के बाद से बोर्ड के खातों की डिटेल डिक्लरेशन भी सही ढंग से नहीं की गई है। बोर्ड में इसी तरह के कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं हैं।