आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर मध्य प्रदेश में बीजेपी ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। टिकट वितरण के बाद सभी प्रत्याशी अपने क्षेत्र में अपनी जीत तय करने के लिए भिड़ गए हैं। वहीं बीजेपी बची हुई पांच सीटों पर सियासी समीकरण बैठाने में लगी है। इन सबके बीच मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज अचानक बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री जयभान पवैया से मुलाकात करने के लिए उनके निवास पहुंच गए। उनकी इस मुलाकात को टिकट वितरण को लेकर नाराजगी के नजरिए से भी देखा जा रहा है। दोनों के बीच करीब 15 मिनट तक बंद कमरे में चर्चा हुई है। वहीं मुख्यमंत्री ने रविवार को 9 घंटों से भी ज्यादा वक्त ग्वालियर को दिया। ग्वालियर को कई करोड़ों की सौगात भी मिली है जिस पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ख़ुशी जाहिर की है।
ग्वालियर। लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी की घोषणा होने के बाद से ही लगभग सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बनाने वाले पूर्व मंत्री और भाजपा नेता जयभान पवैया से मिलने उनके आवास पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पहुंचे। इस मौके पर उनके साथ विधानसभा स्पीकर नरेंद्र तोमर भी मौजूद थे। रविवार को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ग्वालियर में कई कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे थे। लेकिन किसी भी कार्यक्रम में पूर्व मंत्री जयभान पवैया नजर नहीं आए। समझा जाता है कि वह अपना ग्वालियर या चंबल से लोकसभा टिकट चाहते थे। ग्वालियर से नरेंद्र तोमर के करीबी भारत सिंह कुशवाह को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं मुरैना में भी उनके ही करीबी शिवमंगल तोमर को पार्टी उम्मीदवार घोषित किया गया है।
इससे समझा जा सकता है कि पूर्व मंत्री पवैया इन दिनों अपने नेतृत्व से कुछ नाराज चल रहे हैं। लेकिन जब उनसे इस नाराजगी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बड़ी सफाई से टिकट संबंधी सवाल को काल्पनिक बता दिया। वहीं सीएम डॉ मोहन यादव ने भाजपा नेता पवैया से अपने पूर्व संबंधों का हवाला देते हुए उन्हें अपना वरिष्ठ नेता बताया है। उन्होंने कहा है कि हम दोनों ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रोडक्ट हैं। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्वालियर में रविवार को कई सौगातें मिली हैं। उनकी कोशिश है कि ग्वालियर को ऐसे ही विकास के नए आयाम मिलते जाएं।