राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अजय माणिकराव खानविलकर को लोकपाल के अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई। भ्रष्टाचार रोधी संस्था के प्रमुख का पद बीते करीब दो साल से खाली था। शपथ ग्रहण समारोह राष्ट्रपति भवन में हुआ। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी मौजूद थे।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति मुर्मू ने रविवार की शाम राष्ट्रपति भवन में न्यायमूर्ति खानविलकर को लोकपाल के अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) खानविलकर को फरवरी के अंतिम सप्ताह में लोकपाल अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 27 मई 2022 को पिनाकी चंद्र घोष का कार्यकाल पूरा हो गया था। तबसे लोकपाल बिना अध्यक्ष के काम कर रहा था।
भारत के विधि आयोग के अध्यक्ष और कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ऋतु राज अवस्थी, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी औ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश संजय यादव को पिछले महीने लोकपाल में न्यायिक सदस्य नियुक्त किया गया था।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) खानविलकर ने 13 मई 2016 से 29 जुलाई 2022 तक शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के रूप में सेवा दी।
उन्होंने पिछले साल कई अहम फैसले लिखे, जिनमें नागरिकों के खिलाफ विशेष कानूनों जैसे धनशोधन निवारण अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और विदेशी योगदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम में व्यापक शक्तियों को वैध करार दिया गया था। उन्होंने कई अन्य फैसलों में भी योगदान दिया, जिसमें 2018 का एक ऐतिहासिक फैसला भी शामिल है। इस फैसले ने भारतीय दंड संहिता की धारा 377 को सहमति से समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध करार दिया था।