अजित पवार धड़े को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बताए जाने के चुनाव आयोग के बयान पर शरद पवार ने चुप्पी तोड़ते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने पार्टी को उसके संस्थापकों से छीनकर दूसरों को सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि यह इतिहास का पहला उदाहरण है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके गुट ने चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
शरद पवार ने आगे कहा कि आम लोगों के लिए किसी पार्टी के कार्यक्रम और विचारधारा अहम होती है, चुनाव चिन्ह तो सीमित समय के लिए ही उपयोगी रहता है। इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता चुनाव आयोग के फैसले को न तो स्वीकार करेगी और न ही उसका समर्थन करेगी।
गौरतलब है कि करीब 24 साल पहले शरद पवार ने कांग्रेस से अलग होकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी। जुलाई 2023 में महाराष्ट्र की सियासत में बड़ा उलटफेर हुआ, जब अजित पवार ने एनसीपी से बगावत कर दी। पार्टी में फूट के बाद एनसीपी पर अधिकार पर चाचा-भतीजे आमने-सामने आ गए। अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग का रुख किया। वहीं, शरद पवार खेमे ने भी चुनाव आयोग में अपनी बात रखी। चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों के दस्तावेज जांचें और दलीलें सुनीं। चुनाव आयोग ने एनसीपी में विवाद का निपटारा किया और अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में फैसला सुनाया। अब एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ अजित पवार के पास रहेगा।