पटना। मध्य प्रदेश के सीएम के रूप में डॉ. मोहन यादव को लाते ही बिहार के 14% से ज्यादा यादवों को भाजपा ने लक्ष्य कर लिया था। अब मोहन खुद आ रहे हैं पटना। पहले यह दौरा सामाजिक बताया गया, अब पूरी तरह राजनीतिक है।मध्य प्रदेश में जैसे ही भारतीय जनता पार्टी ने डॉ. मोहन यादव का नाम सीएम के रूप में लाया, खलबली बिहार में मची। राजद के नेता खुद भी आगे आकर कहने लगे कि लालू प्रसाद यादवों के इकलौते नेता हैं। मतलब, कहीं न कहीं परेशानी है। अब राजद की यह परेशानी पटना आ रही है। डॉ. मोहन यादव गुरुवार दोपहर पटना पहुंचेंगे। पहले यादव सम्मान लेने के लिए आने की बात थी, लेकिन अब भाजपा दफ्तर से लेकर श्रीकृष्ण की पूजा तक का कार्यक्रम है। और, सभी की जिम्मेदारी संभालने से लेकर दिखने वाले स्थानीय नेता यादव हैं। मतलब, भाजपा ने लोकसभा चुनाव के हिसाब से यादवों को साधने की तैयारी के लिए ही डॉ. मोहन यादव को यहां लाने का कार्यक्रम रखा है। भाजपा के वरीय नेताओं की ओर से श्रीकृष्ण चेतना मंच के बैनर तले एसके मेमोरियल हॉल में एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के बाद डॉ. मोहन यादव भाजपा कार्यालय और इस्कॉन मंदिर भी जाएंगे। बता दें कि जातीय जनगणना की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 14.26% आबादी यादवों की है। अब जब चुनाव सामने है तो निश्चित तौर पर सबसे बड़ी आबादी का साथ भाजपा के बिहार में विकास के लिए जरूरी है। मोहन यादव के सीएम बनने पर राजद ने उन्हें लालू के सामने कुछ भी नहीं माना था, लेकिन अब उनके पटना आने की बात से लाल के माई समीकरण की चर्चा चरम पर है। भाजपा की नजर लालू प्रसाद के वोट बैंक पर है।
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