अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसी ऐतिहासिक दिन को नवनिर्मित मंदिर में रामलला विराजमान होंगे। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा सियासत से लेकर खेल और अध्यात्म से जुड़ी तमाम हस्तियों को भी कार्यक्रम में आने का न्योता मिला है।
हालांकि, देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने न्योते को अस्वीकार कर दिया है। कांग्रेस के अलावा भी विपक्ष के कई नेताओं ने निमंत्रण को ठुकराया है। बुधवार को कांग्रेस के आधिकारिक एलान के बाद देश की सियासत एक बार फिर गर्म हो गई है। भाजपा ने कांग्रेस को राम विरोधी पार्टी करार देते हुए हमला किया है।
आइए जानते हैं कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कितने नेताओं को निमंत्रण दिया गया है? कार्यक्रम में कितने लोग आ रहे हैं? वो लोग कौन हैं, जिन्होंने न्योते को अस्वीकार कर दिया है?
किन नेताओं को निमंत्रण मिला है?
राम मंदिर की भव्य प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समारोह में शामिल होंगे। दूसरी ओर राष्ट्रीय और अन्य प्रमुख दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों को निमंत्रण भेजा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए व्यक्तिगत रूप से निमंत्रण भेजा गया था।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए पूर्व प्रधानमंत्रियों मनमोहन सिंह और एचडी देवेगौड़ा को भी न्योता मिला है। वीएचपी ने राजद में लालू प्रसाद यादव से समय मांगा है। आने वाले दिनों में अन्य विपक्षी नेताओं को भी निमंत्रण भेजे जाने की संभावना है।
किन नेताओं ने न्योते को नकारा?
- ‘इंडिया’ के कई नेताओं ने घोषणा कि है कि वो कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे। बुधवार को ही कांग्रेस ने घोषणा कि वह इस समारोह का हिस्सा नहीं होंगे। पार्टी के नेता जयराम रमेश ने एक बयान में कहा कि यह कार्यक्रम भाजपा और संघ का है। यहां आधे-अधूरे मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है।
- सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने न्योते को अस्वीकार करने के संकेत दिए हैं। बताया जा रहा है कि वीएचपी के अलोक कुमार द्वारा उन्हें निमंत्रण भेजा गया था। प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण पर सवाल पूछे जाने पर अखिलेश ने कहा कि मैं उन्हें नहीं जनता, न कभी उनसे मुलाकात हुई। हम जिनको जानते हैं उन्हीं से व्यवहार लेते हैं।
- इससे पहले सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने का निमंत्रण ठुकरा दिया था। पार्टी ने कहा है कि वे धार्मिक कार्यक्रम के राजनीतिकरण के विरोध में समारोह में शामिल नहीं होंगे।
- इसके अलावा पूर्व कांग्रेस नेता और राज्यसभा संसद कपिल सिब्बल ने भी कहा है कि वह इसमें शामिल नहीं होंगे। तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं करेंगी।
- उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना भी समारोह में शिरकत नहीं करेगी। पार्टी के नेता और सांसद संजय राउत ने कहा, ‘यह भाजपा के वर्चस्व वाला कार्यक्रम है। हमारा कोई भी कार्यकर्ता इसमें हिस्सा नहीं लेगा।’
कौन-कौन कार्यक्रम में आएगा?
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस समारोह में शामिल होंगे।
- जब 22 जनवरी को रामलला अपने गर्भ गृह में विराजमान होंगे, तब इस मौके पर आयोजित समारोह में अयोध्या में राम मंदिर के लिए आंदोलन में सबसे आगे रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल होंगे।
- विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने आडवाणी की उपस्थिति के बारे में जानकारी दी है। अभी तक उनकी तबीयत और उम्र को देखते हुए कहा जा रहा था कि शायद वे राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल न हो सकें, लेकिन अब उनकी उपस्थिति पर मुहर लग गई है।
- भाजपा के दिग्गज नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। उन्हें पहले ही आमंत्रण पत्र भेज दिया गया था। बुधवार को विश्व हिंदू परिषद के शीर्ष नेताओं ने उनसे मुलाकात कर एक बार फिर से उनसे कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है।
- विहिप प्रमुख अलोक कुमार ने जानकारी दी है कि उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को निमंत्रण दिया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी न्योता मिला और और वह समारोह में हिस्सा लेंगे।
- हिमाचल में कांग्रेस सरकार के मंत्री विक्रमादित्य सिंह 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। विक्रमादित्य ने कहा, ‘यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। ‘देव समाज’ में विश्वास रखने वाले एक हिंदू के रूप में यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह इस अवसर पर उपस्थित रहें।’
किन्हें अभी तक नहीं मिला निमंत्रण या अभी तय नहीं?
- वीएचपी ने जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निमंत्रण दिया है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता केसी त्यागी ने गुरुवार को कहा कि पार्टी ने अभी तक इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है।
- एनसीपी में शरद पवार को अभी निमंत्रण नहीं मिला है। पवार ने हाल ही में कहा था कि जब उनकी नियति होगी वह राम मंदिर जाएंगे।
- आम आदमी पार्टी के सूत्रों ने कहा है कि पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अभी तक न्योता नहीं मिला है।
- नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि किसी भी हालत में उन्हें मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं किया जाएगा क्योंकि वह इस पर राजनीति करने के खिलाफ हैं।