इन्दौर । महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने आज पोषण पुनर्वास केन्द्र बाणगंगा का आकस्मिक निरीक्षण किया और आवश्यक दिश निर्देश दिये। उन्होंने स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुये कहा कि प्रदेश में कुपोषण मिटाने के लिये विशेष प्रयास जरूरी हैं। इस अभियान में स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग को संयुक्त रूप से मुहिम चलाना होगी। इस मुहिम को हमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में घर-घर तक ले जाना होगा। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के जरिये कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में भेजा जाना जरूरी है। इस मुहिम में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
उन्होंने कहा कि पोषण पुनर्वास केन्द्र से बाहर निकले बच्चों को फॉलोअप भी जरूरी है। कुपोषण एक मानवीय और सामाजिक समस्या है। हम सब मिलकर इसका निदान कर सकते हैं। यह समस्या बहुत कठिन और चुनौतीपूर्ण है। मगर शिशु मृत्युदर कम करने के लिये हमें एक मुहिम चलाना होगी और कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर उनका समय सीमा में इलाज कराना जरूरी है। कुपोषित बच्चों के परिजनों को केवल आंगनवाडी कार्यकर्ता ही ठीक ढंग से समझाइश दे सकती हैं। कुपोषित बच्चों की माता को 120 रूपये प्रतिदिन की दर से 14 दिन तक कुल 1680 रूपये दिये जाते हैं। उन्होंने कहा कि खून की कमी वाले कुपोषित बच्चों को रक्ताधान जरूरी है।
कार्यक्रम को संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास सुश्री संध्या व्यास, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया आदि ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री सी.एल.पासी, श्री रजनीश सिन्हा, सहायक संचालक श्री व्ही.पी.एस.राठौर एवं अनेक चिकित्सक मौजूद थे।
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