शादी से पहले क्यों किया जाता है कुंडली मिलान, कैसे बनती है जन्म कुंडली

धर्म-कर्म-आस्था

शादियों का सीजन शुरू हो गया है. शादी की पहली सीढ़ी यानी रिश्ता तय होने में जन्म कुंडली की विशेष भूमिका रहती है. कई बार आपने भी सुना होगा की विवाह के लिए युवक-युवती की कुंडली नहीं मिल रही या सभी 36 गुण मिल रहे हैं. ऐसे में एक सवाल निकलकर आता है कि यह जन्म कुंडली कैसे और किसके द्वारा बनाई जाती है. इसके अलावा अगर आप छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में जन्म कुंडली बनवाना चाहते हैं तो आप ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला से बनवा सकते हैं. इससे पहले आइए जानते हैं कि जन्म कुंडली कैसे और कब बनाई जाती है.

रायपुर के प्रसिद्ध महामाया मंदिर के पंडित मनोज शुक्ला लगभग 20 साल से जन्म कुंडली बनाने और ज्योतिष का काम करते हैं. उनके दादाजी, नानाजी, पिता सभी इस क्षेत्र में पारंगत रहे हैं. जन्म कुंडली को लेकर ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि जिस समय और तारीख में जन्म होता है उस दिन के दिनचर्या को ग्रह, गोचर, तिथि, मुहूर्त आदि को लेकर जन्म लिए बच्चे की पूरी जीवन की सभी जानकारियां जन्म कुंडली के माध्यम से पता की जा सकती हैं. जन्म कुंडली जीवन का मार्गदर्शन यानी पथ प्रदर्शक होती है.

कैसे बनाई जाती है जन्म कुंडली

हमारे भारतीय सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र एक बहुत बड़े वैज्ञानिक शास्त्र के रूप में प्रचलित है. जन्म कुंडली के अनुसार आचार, व्यवहार, भूत, भविष्य, वर्तमान सारी जानकारी जन्म कुंडली और ज्योतिष विद्या के माध्यम से पता की जा सकती है. जन्म तारीख और समय को लेकर जन्म कुंडली बनाई जाती है. प्रश्न कुंडली भी बनती है. इसके माध्यम से जातक की बहुत सारी जानकारी उपलब्ध हो जाती है. अगर आप भी जन्म कुंडली बनवाना चाहते हैं 

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