हिंन्दू धर्म में दिनों का विशेष महत्व होता है. हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है. इसी तरह सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, नियम पूर्वक पूजा करने से भगवान शिव खुश होते हैं और समस्त मनोकामनाएं पूरी करते हैं. लेकिन उससे भी जरूरी है कि सोमवार के नियमों की सही जानकारी होना. बता दें कि, धर्म शास्त्र इस दिन कुछ कामों को करने से रोकते हैं. क्योंकि, सोमवार के दिन की गई कुछ गलतियां भगवान भोलेनाथ को नाराज कर सकती हैं. साथ ही आपके जीवन को भी परेशानी में डाल सकती हैं. आइए उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पं. ऋषिकांत मिश्र शास्त्री से जानते हैं सोमवार के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
काले वस्त्र न पहनें: ज्योतिषाचार्य के अनुसार, सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ का सबसे प्रिय माना जाता है. इसलिए इसदिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है. लेकिन इस दिन कुछ कामों को करने से बचना चाहिए. बता दें कि, सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा के दौरान कभी भी काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. ऐसा करने से भोलेनाथ नाराज होते हैं.
अनैतिक कार्यों से बचें: ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, यदि आप सोमवार का व्रत करने का मन बना रहे हैं, तो आपको इससे जुड़े नियम भी पता होने चाहिए. बता दें कि, यदि आप सोमवार को शिवजी की पूजा करते हैं तो ध्यान रखें कि इस दिन कोई भी ऐसा काम न करें, जिससे किसी को तकलीफ पहुंचे. इसके अलावा, कोई भी अनैतिक काम करने से भी बचें. ऐसा करने से जीवन संकट में पड़ सकता है.
जुआ या चोरी न करें: वैसे तो सप्ताह के किसी भी दिन गलत कार्यों को करने से बचना चाहिए. खासतौर पर सोमवार के दिन. धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि सोमवार के दिन जुआ खेलना, चोरी करना या पराई स्त्री पर बुरी नजर रखना जैसे कार्य कोई व्यक्ति करता है तो वह पाप का भागीदार बनाता है. इसलिए इन बुरे कार्यों को करने की मनाही होती है.
पूजा में तुलसी के उपयोग से बचें: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान शिव की पूजा करते समय गलती से भी पूजा में तुलसी में उपयोग नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि तुलसी श्रापित हैं और शिव जी के द्वारा उनके पति की हत्या की गई थी. इसलिए शिव पूजन में इनकी पूजा नहीं कि जाती.
नारियल न चढ़ाएं: भवगान शिव की पूजा में नारियल का इस्तेमाल भी गलती से नहीं करना चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना गया है. दरअसल नारियल को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है, जिनका संबंध भगवान विष्णु से है. माता लक्ष्मी भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं और नारियल को श्रीफल भी कहा जाता है. इसे माता लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है इसलिए इसका प्रयोग भगवान शिव की पूजा में नहीं होता है.